समरनीति न्यूज, बांदा : जिले के कृषि विभाग में फैले भ्रष्टाचार से हर कोई वाकिफ है। एक बार फिर इसका खुलासा हुआ है। इस बार जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते एक वीडियो वायरल हुआ है। मामले में संयुक्त कृषि निदेशक ने उप जिला कृषि अधिकारी नाथूराम वर्मा और कनिष्ठ लिपिक कुलवंत सिंह के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। मामले की जांच उप कृषि निदेशक को दी गई है। दोनों ही आरोपियों को अब उप निदेशक कृषि रक्षा इकाई कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। हालांकि, यह पहला मामला नहीं है जब कृषि विभाग के लोगों को भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों। जिला कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार वर्मा ने इसकी जानकारी दी।
पहले भी लगते रहे हैं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
बताया जाता है कि कृषि विभाग में तैनात प्राविधिक सहायक व उप जिला कृषि अधिकारी नाथूराम वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के पहले भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। एक ही जिले में बीते 15 साल से तैनाती को लेकर भी वह चर्चा में रहते हैं। शनिवार को वह अपने ही एक कर्मचारी से रिश्वत ले रहे थे। उनका एक वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासनिक हल्के में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए दोनों को के खिलाफ जांच तलब की है।
संयुक्त कृषि निदेशक ने 7 दिन में मांगी जांच रिपोर्ट
बताते हैं कि संयुक्त कृषि निदेशक उमेशचंद्र कटियार ने इस पूरे मामले की संज्ञान लेते हुए नाथूराम व कनिष्ट लिपिक कुलवंत को निलंबित कर दिया है। दोनों को दूसरी जगह संबद्ध कर दिया गया है। मामले में नाथूराम की जांच उप कृषि निदेशक रामकुमार माथुर को सौंपी गई है। वहीं कनिष्ठ लिपिक कुलवंत के खिलाफ भूमि संरक्षण अधिकारी शैलेंद्र वर्मा जांच करेंगे। संयुक्त कृषि निदेशक उमेशचंद्र कटियार ने दोनों की जांच रिपोर्ट 7 दिन में तलब की है। उन्होंने कहा कि वीडियो सही पाया गया तो दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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