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बुंदेलखंड : क्रशर कारोबार पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, 157 क्रशर सील, 13 का जुर्माना

Crusher business revolt in Bundelkhand, 157 crusher seals, 13 fine
प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदा : बुंदेलखंड में क्रशरों से उठती धूल (डस्ट) से प्रदूषण नियंत्रण नियमों की धज्जियां उड़ना कोई नई बात नहीं है। इसका जीता-जागता उदाहरण महोबा, कबरई जैसे क्षेत्रों में आसानी से देखा जा सकता है। इसी सबके बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपनी साख बचाने के लिए कार्रवाई का डंडा फटकारता रहता है। खबर मिल रही है कि चालू वित्तीय वर्ष में अबतक चित्रकूटधाम मंडल में बीते कुछ माह में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 157 क्रशर सील किए हैं। वहीं इनपर 13 करोड़ रुपए का जुर्माना भी ठोका है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों ने दी है। कार्रवाई के इस क्रम में महोबा के 81 क्रशर और सभी पर लगभग पांच करोड़ का जुर्माना ठोका है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी बोले-

चित्रकूटधाम मंडल के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी घनश्याम दत्त का कहना है कि नोटिस देने के दो माह तक क्रशर मालिक द्वारा जवाब नहीं दिया जाता है तो उनपर 6250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाता है।

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बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार मंडल में कुल 393 स्टोन क्रशर मौजूद हैं। इनमें से 30 क्रशर बांदा में हैं जिनपर दो करोड़ और चित्रकूट में 31 हैं, जिनपर 5 करोड़ तथा महोबा में 81 क्रशर पर 5 करोड़ तथा हमीरपुर में 5 क्रशरों पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।

क्या कहते हैं प्रदूषण बोर्ड के नियम

नियमतः क्रशर को आबादी से दूर होना चाहिए। साथ ही चारों ओर 12 फिट ऊंची बाऊंड्री होनी चाहिए। साथ ही आबादीय क्षेत्र से क्रशर को कम से कम 1 किमी दूर होना चाहिए। इतना ही नहीं क्रशर को नेशनल हाईवे से भी 500 मीटर तथा लिंक रोड से 150 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। इतना ही नहीं किसी भी क्रशर के आसपास व्यापक पौधरोपण भी एक जरूरी नियम है। अधिकारी घनश्याम दत्त कहना है कि फव्वारे से रोजाना क्रशर में पानी से छिड़काव भी एक नियम है।

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