मनोज सिंह शुमाली, समरनीति न्यूज, कानपुर/बांदाः बीती रात कानपुर में बदमाशों के हमले में शहीद हुए 8 पुलिस कर्मियों में बांदा का बेटा भी शहीद हो गया है। दरअसल, कानपुर में बदमाशों के हमले में जो डिप्टी एसपी (सीओ) देवेंद्र मिश्रा शहीद हुए हैं, वह मूल रूप से बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। उनकी शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार के साथ-साथ उनके गांव में भी मातम छा गया है। आसपास के लोग उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। वहीं गिरवां पुलिस भी शहीद सीओ के गांव सहेवा में पहुंच चुकी है। वहीं गांव में मातम सा पसर गया है।
बांदा के सहेवा गांव के निवासी थे सीओ देवेंद्र
थानाध्यक्ष गिरवां शशि कुमार पांडे ने बताया है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा साहब के पैतृक गांव सहेवा वाले घर पर फोर्स तैनात है, ताकि सांत्वना देने आने वाले लोगों के लिए व्यवस्था बनी रहे।
बताया जाता है कि पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा पिता महेंश चंद्र मिश्रा बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के सहेवा गांव के रहने वाले हैं। वह इस वक्त बिल्हौर सर्किल के सीओ थे। उनकी शहादत की खबर आते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। बांदा के पुलिस अधिकारियों ने गिरवां पुलिस को अलर्ट किया।
पैतृक गांव में पहुंची गिरवां थाना पुलिस
थाना प्रभारी गिरवां ने चौकी इंचार्ज समेत पुलिस कर्मियों को शहीद सीओ के पैतृक घर पर भेजा। इसके बाद बांदा में रहने वाले शहीद सीओ के भाई राजीव मिश्रा से भी फोन पर बात की। हालांकि, उनके भाई और बाकी परिवार इस वक्त शहादत की सूचना मिलने पर कानपुर पहुंचा हुआ है।
बताते हैं उनके भाई राजीव मिश्रा और लल्ला मिश्रा इस वक्ता बांदा के महाराणा प्रताप चौराहे के पास आवास विकास कालोनी में एटीएम के पास घर बनवाकर रहते हैं।
दो बेटियां और पत्नी थी परिवार में
बताते हैं कि सीओ देवेंद्र मिश्रा काफी तेजतर्रार पुलिस अधिकारी रहे हैं। वह पहले इंस्पेक्टर थे। इसके बाद उनको सीओ के तौर पर प्रमोशन मिला था। उनके दो बेटियां है जो अविवाहित हैं। पत्नी-बेटियां साथ ही कानपुर में रहती थीं। पूरा परिवार इस वक्त कानपुर में मर्चरी पर है।
यह है पूरा मामला
बताते चलें कि कानपुर में बीती रात चौबेपुर क्षेत्र के बिकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था। इसमें क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा, 3 दरोगा और चार सिपाही भी शहीद हो गए हैं। इतना ही नहीं दो दरोगाओं के साथ-साथ पांच पुलिस जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
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उन सभी को इलाज के लिए कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद एसटीएफ भी बदमाशों की तलाश में जुट गई है। बताते हैं कि जिस हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पुलिस टीम गई थी, वह काफी कुख्यात अपराधी है। उसके खिलाफ मंत्री को थाने में घुसकर गोली मारने का भी आरोप है। हालांकि, पुलिस ने कुछ देर बाद हुई दूसरी मुठभेड़ में दो बदमाशों को मार डाला है।
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