समरनीति न्यूज, लखनऊ : हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रथम गुरु नानक देव जी की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। गुरुनानक जी का जन्मदिन श्री ननकाना साहिब में हुआ था। आज के दिन देशभर के गुरुद्वारों में गुरु पर्व के मौके पर भजन-कीर्तन होते हैं। प्रभात फ़ेरियां निकाली जाती हैं। गुरुनानक जयंती को हम सभी प्रकाश पर्व, गुरु पर्व, गुरु पूरब के नाम से भी जानते हैं।
निर्गुण उपासना पर दिया जोर
गुरु नानक देव जी ने समाज में फैली बुराइयों जैसे, फैले अंधविश्वास, नफरत और जातीय भेदभाव को दूर करने के लिए सिख संप्रदाय की नींव रखी थी। गुरु नानक जी ने ‘निर्गुण उपासना’ पर जोर देते हुए उसी का प्रचार-प्रसार किया था। गुरु नानक जी कहते थे कि ईश्वर एक है और वह सर्वशक्तिमान है। वही सच है।
गुरुनानक जी के पांच अनमोल वचन
- ईश्वर एक – इसके साथ गुरु नानक देव जी ने एक ओंकार का संदेश दिया।
- पांच बुराई – गुरु नानक देव जी ने पांच बुराईयां बताते हुए कहा कि जब कोई अहंकार, क्रोध, लोभ, मोह और वासना से छुटकारा पाता है तो वह ईश्वर के करीब हो जाता है।
- समानता – गुरु नानक देव जी ने कहा है कि कभी धर्म, जाति, नस्ल और रंग व आर्थिक स्थिति के आधार पर लोगों से भेदभाव नहीं करना चाहिए।
- महिलाओं का सम्मान करें – गुरु नानक देव जी ने कहा है कि हम सभी को महिलाओं का आदर-सम्मान करना चाहिए।
- सेवा करना – गुरु नानक देव जी ने कहा है कि दूसरों की निस्वार्थ मन से बिना लालच सेवा करनी चाहिए।
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