समरनीति न्यूज, बांदा : बालू का अवैध खनन बांदा में कोई नई बात नहीं है। खदानों पर नियमों का पालन हो रहा होता तो ओवरलोडिंग में आए दिन अधिकारी सड़कों पर गाड़ियां नहीं पकड़ रहे होते। ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का पकड़ा जाना अपने आप में साबित करता है कि अवैध खनन के साथ-साथ ओवरलोडिंग जारी है। इसी बीच सूत्रों हवाले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। इसमें कहा जा रहा है कि चार-चार बीजेपी विधायकों वाले बांदा जिले में एक सपा नेता सबपर भारी पड़ रहा है। इस बात की जिले में काफी चर्चा है।
मरौली खदान पर कार्रवाई से बचता है खनिज विभाग भी
इस सपा नेता का दबदबा कहिए या मैनेजमेंट, कि कोई भी पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी इसके संरक्षण में चलने वाली खदान पर नजर नहीं डालता। सूत्र बताते हैं कि इस खदान का नाम मरौली खदान है, जो बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र में स्थित है। मरौली खदान पर न कैमरे ठीक से चलते हैं, न नियमों से खनन होता है।
बीजेपी नेताओं पर भी लगते हैं मिलीभगत के आरोप
इसके बावजूद कार्रवाई की आहट नहीं सुनी जाती। सपा नेता के बारे में कहा जाता है कि यह सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष भी है। सूत्र बताते हैं कि धमक इतनी है कि सपा नेता के दवाब में जिले की मरौली खदान के खंडों पर अवैध खनन का धंधा बदस्तूर जारी है। साथ ही सपा नेता का मैनेजमेंट इतना जबरदस्त है कि खनिज विभाग और आरटीओ विभाग भी कार्रवाई करने से बचता रहता है।
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हालांकि, जिले में भाजपा नेताओं पर भी अवैध खनन कराने के आरोप लगते रहते हैं, लेकिन सपा के जिस नेता का इन खदानों को लेकर संरक्षण होने की बात की जा रही है, बताते हैं कि हाल ही में विधानसभा चुनाव 2022 के चुनावों की मतगणना से एक दिन पहले एटीएम सुरक्षा की आड़ में इसी सपा नेता के खिलाफ बवाल और हंगामे का मुकदमा दर्ज हुआ था। हालांकि, पुलिस ने गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। इतनी छूट दी कि कोर्ट से राहत ले सकें। अब इससे आगे क्या कहा जाए। सबकुछ समझा जा सकता है।
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