संपादकीय डेस्कः टीवी पर आने वाले एक कोल्ड ड्रिंक कंपनी का विज्ञापन तो आपने देखा ही होगा। जिसमें एक युवक कोल्ड ड्रिंक पीते हुए कहता है “क्योंकि डर सबको लगता है।” या डर के आगे जीत है। जी, हां इसमें कोई दो राय नहीं। कई बार हम समाचारों में जब बड़े माफियाओं, अपराधियों और शूटर के दुस्साहसिक कारनामों के बारे में सुनते-पढ़ते हैं तो कुछ क्षण के लिए सोचते हैं कि वे वाकई बड़े बेखौफ हैं, न कानून का डर है और न उपर वाले का। लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है, क्यों कि यकीन मानिए, डर सबको लगता है। बस वक्त मौत का एहसास कराने वाला होना चाहिए।
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेलों में बंद माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और ब्रजेश सिंह व बबलू श्रीवास्तव के चेहरे की रंगत उड़ी
कुछ ऐसा ही हाल आजकल यूपी के जेलों में बंद डान-माफियाओं और शूटरों का है। वजह एकदम साफ है। बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी की अलग-अलग जेलों में बंद माफियाओं को अब अपनी जान की फिक्र सता रही है। उनको जेलें अब सुरक्षित नहीं लग रही हैं। जेलों से जुड़े जानकार बताते हैं कि इन डरे-सहमे अपराधियों में बड़े-बड़े तुर्रमखां और डान शामिल हैं। जानकारों की माने तो गैंगस्टरों की सांसें अटकी हुई हैं। वे डरे हुए हैं और विरोधियों से पंगे का गुणा-भाग लगा रहे हैं। मतलब कौन विरोध वाला अपराधी कहां है, जेल में है या बाहर है। कोई खतरा तो नहीं। माफियाओं के डर की यह खबर निश्चित रूप से आम जनता को राहत देने वाली है। कम से कम वे लोग तो जरूर खुश होंगे जिन्होंने इन माफियाओं की वजह से अपनों को खो दिया। विश्वस्त्र सूत्र बताते हैं कि सरकार द्वारा जेलों में सुरक्षा बढ़ने के बावजूद माफिया मुखतार अंसारी, एमएलसी बृजेश सिंह, माफिया बबलू श्रीवास्तव, इलाहाबाद का बाहुबली अतीक अहमद, खान मुबारक जैसे बड़े अपराधियों के चेहरों पर खौफ साफ देखा जा रहा है। बताते हैं कि उनके चेहरे की रंगत गायब है।
कौन कहां और किस जेल में है बंदः
- माफिया विधायक मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है।
- पूर्वांचल का माफिया ब्रजेश सिंह वाराणसी जेल में बंद है।
- इलाहाबाद का माफिया एवं पूर्व विधायक अतीक अहमद देवरिया जेल में बंद है।
- शातिर दिमाग कहा जाने वाला माफिया बबलू श्रीवास्तव बरेली जेल में बंद है।
- माफिया खान मुबारक को हाल ही में लखनऊ जेल में शिफ्ट किया गया है।
- पश्चिमी यूपी के खूंखार गैंगस्टर नरेश भाटी गाजियाबाद की जेल में बंद है।
पत्नियों की आड़ लेने से गुरेज नहीं
माफियाओं की फितरत भी बड़ी अजीबो-गरीब है। दूसरों की हत्या करने, कराने में जरा भी नहीं सोचते हैं और जब बात अपनी जान पर बन आए तो जेल में जाकर छिप जाते हैं। अब जेल में भी खतरा लग रहा है। ऐसे कई माफिया हैं जिनकी पत्नियों ने गाहे-बगाहे पति की जान को खतरा बताया है। कुछ की पत्नियां राजनीति में पति के इशारे पर डमी केंडीडेट बनकर ताल ठोकती रही हैं तो कुछ की पत्नियां चुनाव में आने को तैयार बैठी हैं।