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यूक्रेन में फंसी MBBS छात्रा की पोल खुली, ग्राम प्रधान रहते कैसे पहुंचीं डाक्टरी पढ़ने विदेश

Russia Ukraine War : Vaishali, a MBBS student trapped in Ukraine and a touching appeal of hope, video released

समरनीति न्यूज, ब्यूरो (लखनऊ) : रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच एक भारतीय छात्रा की पोल खुल गई। यह छात्रा यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि यह यूपी के हरदोई जिले में ग्राम प्रधान भी हैं। हाल ही में ग्राम प्रधानी का चुनाव जीती हैं। छात्रा के पिता महेंद्र सिंह यादव ब्लाक प्रमुख हैं। वह सपा के नेता भी हैं। अब प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच में जुट गया है। प्रशासन के ग्राम प्रधान/एमबीबीएस छात्रा को नोटिस भेजने की बात सामने आ रही है। हरदोई की सीडीओ ने इसे लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पूरे मामले को दिखवाया जा रहा है। मामले की जांच कराई जा रही है। बहरहाल, रूस और यूक्रेन के युद्ध ने इस मामले का भी खुलासा कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण की जांच शुरू हो गई है।

ग्राम प्रधान बनने के बाद यूक्रेन में MBBS पढ़ने गईं

दरअसल, इस छात्रा ने हाल ही में यूक्रेन में युद्ध के दौरान फंसे होने पर एक वीडियो वायरल कर मदद की गुहार लगाई थी। पता चला कि छात्रा हरदोई जिले के सांडी ब्लाक के तेरापुरसेलीं गांव की प्रधान भी हैं। इसी पंचायत चुनाव में वह प्रधान चुनी गई हैं। उनका कामकाज उनके पिता देखते हैं।

Indian MBBS student trapped in Ukraine exposed, how did she reach abroad to study medicine while she was village head

सीडीओ ने कहा, मामले की जांच शुरू-खाते किए सीज

मामले में हरदोई की सीडीओ आकांक्षा राणा ने मीडिया को बताया कि पूरे मामले की जांच हो रही है। आखिर ग्राम प्रधान रहते वैशाली कैसे यूक्रेन चली गईं। उन्होंने कहा कि उनके खातों का संचालन कौन कर रहा है। इसकी भी जांच हो रही है। फिलहाल ग्राम प्रधान के खाते को सीज कर दिया गया है। बताते चलें कि वैशाली यादव का बीते दिनों मदद मांगने वाला वीडियो जबरदस्त ढंग से वायरल हुआ था। मौजूदा समय में वैशाली इस वक्त यूक्रेन से निकलकर रोमानिया के एक सेल्टर होम में हैं। वह लगातार हरदोई के एक कंट्रोल रूम के संपर्क में हैं। वापस इंडिया सुरक्षित आने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

यूक्रेन से वीडियो वायरल किया, तब सबको पता चला

इसी वीडियो ने उनकी पोल खोल दी। लोगों ने पहचान लिया कि यह उनकी ग्राम प्रधान हैं। वह एमबीबीएस पढ़ने विदेश कैसे पहुंचीं। अब पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है। अब उनकी डाक्टरी की पढ़ाई के साथ-साथ प्रधानी की कुर्सी दोनों ही खतरे में हैं। उधर, स्थानीय लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि चुनाव में वैशाली ने कहा था कि वह विदेश से पढ़ाई छोड़कर गांव की सेवा करने आई हैं। बाद में चुनाव जीतकर दोबारा विदेश चली गईं।

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