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वीडियो : जेल में मुख्तार का जलवा, ‘खातिरदारी के बाद तरफदारी’, DIG बोले-बस 1 आम मिला वह भी हाते में लगे पेड़ से गिरा..

corona infected prisioner death in Banda jail

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : बांदा जेल इस समय माफिया मुख्तार अंसारी की खातिरदारी में सस्पेंड हुए जेल अधिकारी और चार सिपाहियों के घटनाक्रम से सुर्खियों में है। जेल में अनियमितताओं के साथ मुख्तार अंसारी की खातिरदारी की पुख्ता बातें सामने आई थीं। सूत्र बताते हैं कि जेल प्रशासन की भूमिका इस कदर संदिग्ध रही कि दोनों उच्चाधिकारियों (बांदा डीएम-एसपी) को जेल के गेट पर 10 से 15 मिनट तक ताला खुलने का इंतजार करना पड़ा। सूत्र तो यह भी कह रहें कि भीतर सबकुछ ठीक करने की क्रम में ऐसा हुआ। मामला काफी गंभीर है। बहरहाल, जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। फिलहाल, तरह तरह की चर्चाएं हैं।

डिप्टी जेलर और 4 सिपाही सस्पेंड, कुछ और कतार में..

बहरहाल, बात इतनी ही नहीं थी, बल्कि मुख्तार के बैरक के पास अलग से खाना बनते और माफिया के तन्हाई बैरक के पास ड्यूटी करने वाले बंदी रक्षकों द्वारा बाडी कैम न पहनने समेत और कई गंभीर बातें भी सामने आईं। इसी लिए शासन ने रिपोर्ट मिलते ही निलंबन की कार्रवाई की।

मामले को हल्के में लेते दिखे डीआईजी जेल

लेकिन इस सबके परे आज डीआईजी जेल संजीव त्रिपाठी बांदा कारागार पहुंचे, तो अलग ही बातें बताईं। ऐसा लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि मुख्तार की बैरक के पास बस एक आम मिला है, वह भी उसी हाते में लगे पेड़ से गिरा था। सवाल यह है कि क्या इतनी बड़ी कार्रवाई शासन ने बस एक आम के लिए कर दी।

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इतना ही नहीं जेल डीआईजी श्री त्रिपाठी ने आगे कहा कि गंभीर बात तो बस इतनी है कि डीएम साहब को कुछ समय रुकना पड़ा। बहरहाल, जेल डीआईजी की बातचीत से तो यही लगा कि पहले बांदा के जेल अधिकारी मुख्तार अंसारी की खातिरदारी में लगे नजर आए, तो अब उनसे बड़े जेल अधिकारी अधीनस्थों की तरफदारी करते दिखे। सच क्या है, यह बात बांदा से लेकर लखनऊ तक अधिकारियों से लेकर जनता सब समझ रहे हैं।

Mukhtar Ansari : Mafia MLA Mukhtar Ansari to be brought to Banda jail before April 8

कई गंभीर बातों को शायद नहीं दी तवज्जो

इतना ही नहीं डीआईजी जेल ने आगे कहा कि डीएम साहब से मिलकर बता दिया है कि रात में जेल बंद होने के बाद चाबियां लाने में समय लगता है। इसलिए देरी हुई। जेल डीआईजी श्री त्रिपाठी ने उन बातों को शायद तवज्जों ही नहीं दी कि मुख्तार के बैरक के पास बंदी रक्षक बाडी कैम क्यों नहीं पहने थे।

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मुख्तार के बैरक के पास अलग खाना कैसे बन रहा था। बैरक से लेकर फ्रिज तक आम, खजूर और दूसरे फलों का भंडार कैसे भरा मिला। हालांकि, जेल डीआईजी ने कहा कि वहां सिर्फ एक आम मिला था, जो उसी हाते में लगे पेड़ से गिरा हुआ था। बाहर से खाना कैसे पहुंच रहा था।

यह था बांदा जेल के निरीक्षण का पूरा मामला

दरअसल, सोमवार की रात बांदा डीएम और एसपी ने जेल में रूटीन चैकअप के लिए छापा मारा। अमूमन ऐसे निरीक्षणों को लेकर जेल प्रशासन की जानकारी पहले हो जाती है, लेकिन अबकी ऐसा नहीं था। दोनों उच्चाधिकारी अन्य अफसरों और फोर्स के साथ जेल पहुंचे। दो नंबर गेट पर अधिकारियों को लगभग 15 मिनट रोका गया।

क्या सचमुच निरीक्षण में डाला गया अड़ंगा

सूत्र बताते हैं कि इसका बाद प्रशासनिक अधिकारी जब जेल के भीतर पहुंचे तो मुख्तार के तन्हाई बैरक के गेट के पास खाना बनता मिला। जेल अधिकारी इस निरीक्षण में अड़ंगा डालते नजर आए। इसकी रिपोर्ट पर डिप्टी जेलर और चार सिपाहियों को निलंबित भी किया गया। शासन तक हल्ला मचा तो आज डीआईजी जेल बांदा पहुंचे थे। उधर, सूत्रों का कहना है कि अभी बांदा जेल से एक-दो और अधिकारियों पर दंडनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

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