समरनीति न्यूज, बांदा : खनिज संपदा की ऐसी लूट शायद ही कहीं देखने को मिले, जैसी बांदा में है। शहर से सटे इलाके बौद्धीपुरवा में नदी किनारे खुलेआम रिक्शों और ट्रैक्टरों से खनिज संपदा लूटी जा रही है। हाल यह है कि सड़क किनारे बालू स्टोर करने के बाद ट्रैक्टरों और ट्रकों पर लादकर बेची जा रही है। काम छोटा लगता है, लेकिन बालू के धंधेबाज इसमें लाखों का वारा-न्यारा कर रहे हैं।
बड़ा दिलचस्प अंदाज में चल रहा धंधा
इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि बाइक, रिक्शों से लादकर बालू को पहले पास निकलने वाली नदी पर स्थित पुरानी मोती-सोना खदानों से उपर सड़क पर लाकर ढेर बनाए जाते हैं। इसके बाद उनको ट्रैक्टरों और ट्रकों पर लादकर बेच दिया जाता है। दिन-रात बाइकों और रिक्शों से बालू की ढुलाई चलती रहती है।
भूरागढ़ पुलिस चौकी चंद कदम दूर
वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि बालू का यह पूरा गड़बड़ झाला बाईपास के जिस त्रिवेणी तिराहे पर किया जा रहा रहा है, वहां से मटौंध थाने की पुलिस चौकी भूरागढ़ मात्र चंद कदमों की दूरी पर है। क्या बिना पुलिस की मर्जी के ऐसा हो सकता है। यह सोचने वाली बात है।
आलू सब्जी की तरह बालू की मंडी
त्रिवेणी बाईपास पर सब्जी आलू की तरह बालू बेची जा रही है। हालांकि, कुछ गरीब तबके के लोग इससे अपना पेट भर रहे हैं, लेकिन इनसे यह काम कराने वाले बड़े खिलाड़ी हैं और इनसे जमकर वसूली भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं ट्रकों और ट्रैक्टरों से बालू बिक्री भी करा रहे हैं। ऐसे में सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। वहीं जिले के खनिज विभाग की कारगुजारी किसी से छिपी नहीं हैं।
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