समरनीति न्यूज, लखनऊ : Accident in Neelanchal Express दो दिन पहले एक दिलदहला देने वाले घटनाक्रम में ट्रेन की सीट पर बैठे युवक की गले में सरिया घुसने से मौत हो गई थी। यह हादसा तेज रफ्तार चलती नीलांचल एक्सप्रेस में हुआ था। हादसा उस समय हुआ था जब ट्रेन अलीगढ़ के सोमना और डांबर रेलवे स्टेशनों के बीच से गुजर रही थी।
हर कदम पर दिखी अधिकारियों की बेरुखी
ट्रेन की खिड़की का शीशा तोड़ते हुए एक सरिया विंडो सीट पर बैठे यूपी के सुल्तानपुर जिले के गोपीनाथपुर के रहने वाले हरिकेश दुबे (Harikesh Dube) पुत्र संतराम के गले में आरपार घुस गया था। इससे पलभर में ही उनकी मौत हो गई थी। घटना से पूरी ट्रेन के यात्रियों में खलबली मच गई थी।
मृतक हरिकेश के पिता संतराम दुबे का कहना है कि घटना की जानकारी मिलते ही वह फौरन अपने परिवार के साथ शुक्रवार को अलीगढ़ पहुंचे थे। इतना सबकुछ होने के बावजूद अधिकारियों ने शनिवार तक उनको पोस्टमार्टम के लिए इंतजार कराया। बाद में रेलवे अधिकारियों ने उनसे 15 हजार की अनुग्रह राशि के कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा।
पोस्टमार्टम के लिए रातभर कराया इंतजार
बेटे की दर्दनाक मौत से आहत परिवार को अधिकारियों की यह अनुग्रह राशि एक भद्दा मजाक लगी। उन्होंने इसे लेने से इंकार कर दिया। पूरे परिवार को रेलवे अधिकारियों ने रातभर पोस्टमार्टम के लिए इंतजार कराया। शव सौंपने में देरी के साथ-साथ अधिकारियों की बेरुखी ने परिवार का दर्द और बढ़ाने का काम किया।
मेनका गांधी के हस्तक्षेप से 5 लाख मिले
शनिवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पीड़ित परिवार को 5 लाख मुआवजे की घोषणा की। काफी समय बाद सुल्तानपुर की सांसद मेनका गांधी की पहल के बाद रेलमंत्री ने हरिकेश दुबे की परिवार को 5 लाख मुआवजे की घोषणा की। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनंसपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय की ओर से इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी मीडिया को दी गई।
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