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बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वेः इसलिए है मोदी सरकार की अनमोल सौगात

pm modi bundelkhand express way

मनोज सिंह शुमाली, बांदाः दो दिन पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट के गोंडा गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। चित्रकूट के दूरस्थ ग्रामीण इलाके भरकूप के पास स्थित गोंडा में लाखों की भीड़ प्रधानमंत्री के स्वागत को उमड़ पड़ी थी। जानकारों की माने तो करीब 3 लाख के आसपास भीड़ वहां जुटी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। कहा कि यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड के साथ-साथ देश का भी भाग्य विधाता बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात यूं ही नहीं कही। इसमें कोई दो राय नहीं कि आने वाले वक्त में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे इस क्षेत्र के विकास का आधार होगा। इस पूरे एक्सप्रेस-वे को एक नजर में जानिए।

एक्सप्रेस-वे कितनी है लंबाई, कहां से शुरू और कहां पर खत्म..

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 296 किलोमीटर है। इसके जरिए चित्रकूट, बांदा और महोबा, हमीरपुर के साथ-साथ जालौन व ओरैया-इटावा जिले एक कतार में जुड़ते जाएंगे। इन सभी जिलों को आवागमन के शुलभ संसाधन होने के कारण विकास की दिशा में बड़ा लाख मिलेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को बनाने में 14849.09 करोड़ की लागत आ रही है। यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड क्षेत्र के इन जिलों को सीधे सड़क मार्ग से देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने का काम करेगा। 296.070 किलोमीटर इसकी कुल लंबाई है। अभी यह एक्सप्रेस-वे चार लेन होगा। आगे भविष्य में इसे छह लेन किया जाएगा। इसके लिए 96 फीसदी जमीन अधिग्रहित हो चुकी है। इसका काम 24 माह में पूरा किया जाना है।

बुंदेलखंड के इन शहरों को महानगरों से भी जोड़ेगा एक्सप्रेस-वे

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होगा। इसके बाद बांदा, महोबा, हमीरपुर जालौन होते हुए इटावा से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कुदरैल के पास जाकर जोड़ेगा। ऐसे में बुंदेलखंड का सीधे तौर पर जुड़ाव यमुना एक्सप्रेस-वेस और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से हो जाएगा। इससे समझा जा सकता है कि दूसरे जिलों तक बुंदेलखंड और यहां के लोगों की पहुंच कितनी आसान हो जाएगी। कई महानगर सीधेतौर पर बुंदेलखंड तक पहुंच बना सकेंगे।

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बुंदेलखंड से 5 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली तक होगी पहुंच

अब तक 10 से 12 घंटे में दिल्ली पुहंचने में लगते हैं, लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से यहां के लोग महज 5 घंटे में दिल्ली पहुंच सकेंगे। चित्रकूट से प्रयागराज की दूरी 110 किलोमीटर है। ऐसे में लोग प्रयागराज से अब कानपुर होकर नहीं, बल्कि चित्रकूट के रास्ते यहां से गुजरा करेंगे। इसी तरह जालौन, औरैया और इटावा भी राजमार्ग से जुड़ सकेंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर पूरी एक नजर..

इसकी कुल लंबाई – 296.070 किलोमीटर।

निर्माण में आने वाली लागत – 14,627.20 करोड़ रुपए।

निर्माण की शुरुआत – चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोंड़ा गांव से।

समापन – आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर इटावा के पास ग्राम कुदरैल के पास।

रास्ते में पड़ने वाली नदियां – बागे, केन, श्यामा, चंद्रावल, बिरमा, यमुना, बेतवा व सेंगुर नदियां।

वर्तमान लेन – चार होंगी।

विस्तार – छह लेन तक विस्तार होगा।

रेलवे ओवरब्रिज – रास्ते में 4 ओवरब्रिज बनेंगे।

बड़े पुल – एक्सप्रेस-वे में 14 बड़े पुल बनेंगे।

टोल प्लाजा – करीब 6 टोल प्लाजा होंगे।

छोटे पुल – 266 होंगे।

फ्लाईओवर – 18 होंगे।

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प्रतिकात्मक फोटो।

छह पैकेज और निर्माण की अवधि करीब 36 माह अनुमानित है..

  1. पहला पैकेज – चित्रकूट के गोंड़ा से बांदा के मनोखर तक 50.49 किलोमीटर तक होगा।
  2. दूसरा पैकेज – बांदा के मनोखर से महोबा के कौहारी तक 50.300 किलोमीटर तक होगा।
  3. तीसरा पैकेज – महोबा के कौहारी से हमीरपुर के ब्रोलीखरका तक 49 किमीस का होगा।
  4. चौथा पैकेज – हमीरपुर के ब्रोलीखरका से जालौन के सालाबाद तक 51 किलोमीटर लंबा होगा।
  5. पांचवां पैकेज – जालौन के सालाबाद से औरैया के बखरिया तक 50 किलोमीटर लंबा होगा।
  6. छठवां पैकेज – औरैया के बखरिया से इटावा के कुदरैल तक 42.280 किलोमीटर तक लंबा होगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बनने से ये होंगे प्रमुख फायदे

  • एक्सप्रेस-वे से बुंदेलखंड से दिल्ली तक जाने वाले वाहनों में ईंधन खपत कम व प्रदूषण भी घटेगा।
  • कृषि और वाणिज्यिक के साथ-साथ पर्यटन और उद्यमिता को बढ़ावा मिलने के साथ ही पंख लगेंगे।
  • साथ ही हैंडलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ मंडी और भंडारण के साथ-साथ दुग्ध उद्योग लगाए जा सकेंगे।
  • बुंदेलखंड के 138 और इटावा व औरैया के 44 गांवों का सीधे राजमार्ग से जुड़ना होगा।

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