समरनीति न्यूज, कानपुरः लाॅकडाउन के बीच दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को लेकर आ रहीं ट्रेनों रोज हजारों श्रमिक लौट रहे हैं। इस दौरान कुछ मानवीय संवेदनाओं के सकारात्मक मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर शनिवार देर शाम देखने को मिला। अहमदाबाद-गोंडा श्रमिक स्पेशल शनिवार शाम करीब छाड़े 6 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-6 पर पहुंची। ट्रेन के रुकते ही उसमें सवार बलरामपुर जिले के उतरौला गांव की रहने वाले मोती लाल की पत्नी फूल कुमारी को तेज प्रसव पीढ़ा हुई।
रेलवे स्टाफ की सक्रियता से सुरक्षित प्रसव
साथ सफर कर रहे यात्री भी महिला और उनके परिवार की अपने-अपने स्तर से मदद करते रहे। रेलवे व चिकित्सीय स्टाफ को जानकारी मिली तो सभी ने तेजी के साथ मौके पर पहुंचकर महिला को संभाला। इस दौरान रेलवे मेडिकल टीम ने सेंट्रल पर ही महिला का उपचार शुरू किया।
रेलवे पुलिस ने व्यवस्था बनाकर दी सुरक्षा
रेलवे की महिला डाक्टर कविता यादव ने बड़ी कुशलता के साथ अपना फर्ज निभाते हुए प्लेटफार्म पर ही महिला का प्रसव कराया और उनकी जान बचाई। इस दौरान कुछ समय के लिए पूरा रेलवे स्टाफ पीड़िता के दर्द को अपना समझकर उसे संभालने में लग गया। रेलवे पुलिस हो या चिकित्सीय टीम सभी महिला की कुशलता चाह रहे थे।
वहीं महिला चिकित्सक डा कविता यादव ने कम चिकित्सीय संसाधनों के बावजूद अपना काम बेहद सराहनीय ढंग से किया। बच्चे के जन्म के बाद सभी ने राहत की सांस ली। जज्जा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे। बाद में इनको इलाज के लिए एंबुलेंस से डफरिन अस्पताल भिजवा दिया गया। रेलवे स्टाफ और चिकित्सीय टीम खासकर डाक्टर कविता के काम से महिला और उनका परिवार काफी भावुक हो उठा। महिला और उनके पति ने कहा कि वह अपनी बेटी का नाम अब कविता ही रखेंगे।
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