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बांदा में लवजेहाद जैसा बड़ा मामला, लखनऊ से पूछताछ के बाद इंस्पेक्टर और दरोगा सस्पैंड

Police vehicle collides with tree two constables injured in Banda

समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में लवजेहाद जैसा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले को छेड़छाड़ की धाराओं में दर्ज करके रफा-दफा करने की कोशिश करने वाले नरैनी के इंस्पेक्टर और हल्का इंचार्ज दरोगा पर कार्रवाई की तगड़ी गाज गिरी है। सूत्रों की माने तो लखनऊ तक मामला पहुंचने के बाद पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा ने इंस्पेक्टर राकेश सरोज और हल्का इंचार्ज दरोगा सुरेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। क्षेत्र में घटना को लेकर जबरदस्त चर्चा है।

नरैनी थाने से जुड़ा है पूरा मामला

हालांकि, इस मामले में अधिकारियों ने खुलकर कुछ नहीं बोला है। अधिकारी यही बताने की कोशिश करते दिखाई दिए कि विवेचनाओं के निस्तारण में देरी के कारण यह कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि नरैनी के कबौला गांव में एक दूसरे समुदाय का युवक दूसरे समुदाय की नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले गया था। पीड़िता के परिवार के लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की और सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं दूसरी ओर अवैध खनन को लेकर बदनाम नरैनी पुलिस शुरू से ही मामले की लीपापोती करती रही।

रेप की जगह छेड़छाड़ का मुकदमा लिखा

सूत्र बताते हैं कि थाना पुलिस एक पक्ष से काफी प्रभावित थी। उधर, पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और दूसरी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराने की तहरीर देने की बात कही, लेकिन बताते हैं कि इंस्पेक्टर सरोज और हल्का इंचार्ज ने छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज करते हुए इसे दबा दिया।

लड़की के 164 के बयान तक नहीं कराए

इतना ही नहीं लड़की को जब लड़की बरामद हुई तो तो उसके 164 के बयान तक नहीं कराए गए। यह नरैनी पुलिस की सबसे बड़ी लापरवाही, गैरजिम्मेदारी और कर्तव्यहीनता रही। यह मामला छेड़छाड़ की धाराओं में 13 नवंबर को नरैनी थाने में दर्ज किया गया था।

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दरअसल, पुलिस मामले को पूरी तरह दबा जाना चाहती थी। जानकार बताते हैं कि जिले के बड़े पुलिस अधिकारियों को भी थाने के इंस्पेक्टर और दरोगा ने पूरी तरह से गुमराह करते हुए अंधेरे में रखा। बाद में लखनऊ तक मामला पहुंचने के बाद जिला पुलिस के अधिकारी हरकत में आए। आनन-फानन में इंस्पेक्टर और दरोगा को निलंबित कर दिया गया। अब कहा जा रहा है कि दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बहरहाल, इस मामले ने एक बार फिर बांदा पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है।

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