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कानपुरः खुले मेनहोल में गिरकर बीटेक छात्र समेत दो की मौत, सूचना पर 3 घंटे देर से पहुंची पुलिस

समरनीति न्‍यूज़, कानपुरः शहर में नगर निगम की लापरवाही से लोगों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब देखिए न, अभी दो लोग की मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि मंगलवार देर शाम को सचेंडी के एक खुले नाले में बीटेक छात्र समेत दो लोगों की गिरने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि जलभराव होने के कारण दोनों को खुला नाला दिखाई नहीं दिया था।

प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक देर रात को दोनों छात्रों के शव को नाले से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस बारे में इंस्पेक्टर का कहना है कि दूसरे शव की शिनाख्त के लिए आसपास के थानों से संपर्क किया जा रहा है। सचेंडी में दीपू चौहान के ढाबे के पास खुला नाला है। नाले के पास अंग्रेजी शराब की दुकान है। मंगलवार शाम बाइक सवार तीन बीटेक स्टूडेंट विभोर तिवारी (22), अभिषेक और दुर्गेश ठेके पर शराब लेने गए थे। वहां पर बारिश की वजह से जलभराव हो गया था। इस कारण उनको नाला दिखाई नहीं दे रहा था। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने बताया है बाइक खड़ी करने के बाद विभोर शराब लेने के लिए ठेके पर जाने लगा।

लोगों ने रुकने का इशारा भी किया लेकिन जल्दबाजी में अनसुना कर आगे बढ़ गया छात्र विभोर 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लोगों ने नाला खुला होने का हवाला देते हुए उसको ठेके पर जाने से रोका भी लेकिन उसने लोगों की बात नहीं मानी और आगे बढ़ गया। वह कुछ दूरी पर पहुंचा था कि खुले नाले में पैर चले जाने से वह उसी में गिरकर डूब गया। लोगों ने कंट्रोल रूम समेत अन्य इमरजेंसी नंबर पर जानकारी दी। लेकिन वहां पर रेस्क्यू करने के लिए कोई नहीं पहुंचा। करीब 3 घंटे बाद वहां पर पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर निगम की टीम पहुंची। अफसरों ने विभोर को ढूंढने के लिए गोताखोरों को बुलवाया। लेकिन उन्होंने अंधेरा होने का हवाला देकर नाले में उतरने से मना कर दिया। पुलिस ने वहां पर लाइट का इंतजाम किया। इसके बाद गोताखोर नाले में उतरे तो वहां पर विभोर के साथ एक और युवक का शव उतरा रहा था। गोताखोरों ने किसी तरह दोनों के शवों को बाहर निकाला। लोगों का कहना है कि अगर सूचना मिलते ही पुलिस व अन्य विभाग पहुंच जाते तो विभोर की जान बच सकती थी।

आजमगढ़ का रहने वाला था, परिवार में दूसरे नंबर का बेटा था मरने वाला छात्र

आजमगढ़ निवासी विभोर यहां पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। उसके पिता वीर बहादुर सिंह सिंचाई विभाग में एकाउंटेंट थे। उनकी 2009 में मौत हो गई थी। परिवार में मां सरिता और दो भाई चंदन व अमन हैं। उसकी मौत से घर में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।