वंदना श्रीवास्तव, कानपुर : कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण वीआरएस लेने की घोषणा करने के बाद अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ने की भी घोषणा कर दी है। असीम अरुण ने फेसबुक पर पोस्ट किया है कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए ‘तिलस्म’ कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ में काम करने की कोशिश करूंगा।
फेसबुक पर असीम अरुण ने लिखीं ये बातें..
उन्होंने कहा कि आईपीएस की नौकरी के बाद यह सम्मान, सबकुछ बाबा साहब अंबेडकर द्वारा अवसर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के चलते ही संभव हो सका है। आगे लिखा है कि वह उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति तथा सभी वर्गों के भाइयों-बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए काम करेंगे।
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उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि उनको यह सम्मान उनके स्व. पिता श्री राम अरुण और मां स्व. शशि अरुण के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिला है।
असीम अरुण के पिता दो बार रह चुके डीजीपी
बताते चलें कि कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण दो बार यूपी के डीजीपी रह चुके हैं। वह दोनों बार बसपा और भाजपा समर्थित बसपा सरकारों में डीजीपी रहे थे। उधर, असीम अरुण आईपीएस के रूप में मुरादाबाद, प्रयागराज, हैदराबाद, मेरठ में तैनात रह चुके हैं।
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वह हाथरस, बलरामपुर, हैदराबाद और मेरठ में एसएसपी रह चुके हैं। वह आगरा अलीगढ़ और गोरखपुर में पुलिस कप्तान रहे। बताते चलें कि 26 मार्च को कानपुर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हुई। इसमें असीम अरुण पुलिस आयुक्त बने थे।
लगभग 8 साल पहले वीआरएस का आवेदन
बताते चलें कि 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ने रिटायरमेंट से 8 साल 9 महीने पहले वीआरएस (ऐच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन किया है। पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने इस जानकारी की पुष्टि कर है। बताया जा रहा है कि वह जल्द ही बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं। वहां कन्नौज के तिर्वा के रहने वाले हैं और कन्नौज सदर विधानसभा सीट से टिकट लड़ सकते हैं।
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