
समरनीति न्यूज, लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1991 के 10 सिखों के फेक एनकाउंटर के मामले में 43 पुलिसवालों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि कानून का गलत इस्तेमाल किया गया है। जानकारी के अनुसार 12 जुलाई 1991 को नानकमथा पटना साहिब, हुजूर साहिब व अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख यात्रियों का जत्था बस से लौट रहा था।
पीलीभीत में हुआ था 1991 में फेक एनकाउंटर
इसी बीच पीलीभीत के कछाला घाट के पास यात्रियों की बस को पुलिस ने रोक लिया। फिर उसमें से 11 सिखों को उतारकर पुलिस ने अपनी गाड़ी में बैठा लिया। वहां से चली गई। इसके बाद इनमें से 10 सिखों की लाशें मिली थीं। एक युवक का आजतक कुछ पता नहीं चला है। इस मामले को लेकर एक अधिवक्ता की ओर से सुप्रीमकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। सुप्रीमकोर्ट ने 15 मई 1992 को सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी थी। सीबीआई की ओर से 57 पुलिस कर्मियों के खिलाफ चार्जशीट काटी गई। अदालत ने 47 को दोषी पाया। 2016 तक 10 पुलिसवालों की मौत हो चुकी थी। बाकी को अब सजा होगी।
ये भी पढ़ें : UP : माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, अवधेश राय हत्याकांड में कोर्ट का फैसला
ये भी पढ़ें : Shocking : दरोगा ने रिश्वत के रुपए निगले, उगलवाने में बिजिलेंस टीम ने बहाया पसीना
