
आशा सिंह, लखनऊ : नगर निकाय चुनावों के क्रम में एक बड़ा सस्पेंस खत्म हो गया है। सरकार ने बड़ा शासनादेश जारी किया है। इसके साथ ही स्पष्ट हो गया है कि महापौर और अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म होने पर प्रशासकों की नियुक्ति होगी। अब यूपी सरकार ने क्रमवार निकायों में प्रशासनिक व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। आज प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी किया है।
..और प्रशासकीय व्यवस्था लागू होती जाएगी
शासनादेश में साफ है कि जैसे-जैसे नगर निकायों में कार्यकाल खत्म होता जाएगा, प्रशासकीय व्यवस्था लागू होती जाएगी। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश नगर पालिका परिषद अधिनियम-1916 और यूपी निगम अधिनियम-1959 में निकायों के बोर्ड का कार्यकाल 5 साल निर्धारित है।
2017 में संपन्न हुए निकाय चुनाव के रिजल्ट के बाद निकायों के बोर्ड का गठन 12 दिसंबर से लेकर 15 जनवरी के बीच हुआ था। इसी लिहाज से महापौर और अध्यक्षों का कार्यकाल भी इसी क्रम में समाप्त होगा। बोर्ड की पहली बैठक वाली तिथि को कार्यकाल समाप्त माना जाएगा।
यूपी नगर निकाय : ‘आरक्षण’ ने हरे ‘आश्वासनवीर नेताओं’ के संकट, कहीं चेहरे खिले तो कहीं मुंह लटके
ये भी पढ़ें : यूपी नगर निकाय : ‘आरक्षण’ ने हरे ‘आश्वासनवीर नेताओं’ के संकट, कहीं चेहरे खिले तो कहीं मुंह लटके
ये भी पढ़ें : UP : निकाय पर रोक एक दिन और बढ़ी, अब बुधवार तक..