समरनीति न्यूज, लखनऊ : यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची को लेकर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल, यूपी सरकार ने हाई कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में आरक्षण सूची में खामी की बात मानी है। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निर्देश दिए हैं कि यूपी में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, वर्ष 2015 के आधार पर लागू आरक्षण प्रणाली से कराए जाएं। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए लागू की गई आरक्षण प्रणाली अब नहीं चलेगी। इसके साथ ही तय हो गया है कि अब यूपी में त्रिस्तरयी पंचायत चुनाव 2015 वाली आरक्षण प्रणाली को मूल आधार मानते हुए संपन्न कराए जाएंगे। सरकार भी इसकी तैयारी में जुट गई है।
25 मई तक चुनाव कराने के आदेश
बताते चलें कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लागू आरक्षण प्रणाली पर रोक लगा दी थी। आज मामले की सनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू की जाए। इसके जवाब में यूपी सरकार ने कोर्ट से खुद कहा है कि वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने को तैयार है। इसके साथ ही हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश दिए हैं। अब तय है कि पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची में बदलाव लागू किया जाएगा।
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