समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति बोले, मशरूम उत्पादन से चार गुना फायदा दे सकता है। उन्होंने कहा कि मशरूम व्यवसाय विभिन्न समस्याओं जैसे प्राकृतिक विषमताएं, बेरोजगारी और पलायन को दूर कर सकता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं-बच्चों में कुपोषण को भी दूर करने में सहायक होगा। कहा कि मशरूम की खेती से एक साथ कई फायदे हैं। साथ ही कई गुना फायदा कमाया जा सकता है। यह युवाओं के लिए बड़ा रोजगार साबित होगा।
10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
दरअसल, कृषि विश्वविद्यालय में मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कुलपति डा. यूएस गौतम के निर्देशन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 3 फरवरी से शुरू किया गया था जो कि 12 फरवरी को पूरा हो गया। इसके बाद कुलपति ने प्रशिक्षित युवाओं को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। कहा कि अगर कोई तकनीकि दिक्कत आती है तो विश्वविद्यालय ऐसे छात्रों की पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि युवा अपने-अपने क्षेत्र में मशरूम का काम शुरू करें। कहा कि युवाओं की भविष्य में यथासंभव मदद की जाएगी।
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