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योगी सरकार-02 : PWD के बाद सिंचाई विभाग भी कटघरे में..

Yogi Sarkar-02 : After PWD, irrigation department is also in dock for transfers

मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय हलचल तेज है। योगी सरकार-02 के 100 दिन पूरे होने के साथ ही मंत्रियों की नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है। पीडब्ल्यूडी के बाद अब सिंचाई विभाग भी तबादलों को लेकर कटघरे में आ गया है। जितिन प्रसाद की नाराजगी सामने आ चुकी है। आज वह पार्टी के वरिष्ठ कद्दावर नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिल रहे हैं। इसके साथ ही अब यूपी के जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटिक के भी इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। लेकिन राजनीति के गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

लखनऊ से दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल

दरअसल, उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री दिनेश खटिक के इस्तीफे की खबर से मंगलवार रात हड़कंप मच गया था। खटीक का आरोप है कि जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने उनकी संस्तुति पर एक भी तबादला नहीं किया है। फिर उनका राज्यमंत्री बने रहने का क्या मतलब। मामले को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की। मायावती, अखिलेश यादव ने भी बयान दिए।

Yogi Sarkar-02 : After PWD, irrigation department is also in dock for transfers

सिंचाई विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटिक के गंभीर आरोप

इतना ही नहीं खटिक का कहना है कि उनको नहीं बताया जाता कि सिंचाई विभाग में कौन सी योजनाएं चल रही हैं। उनके साथ दलित होने के कारण पक्षपात किया जाता है। कहा जा रहा है कि खटीक ने एक पत्र पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह दलित हैं। इसलिए अधिकारी भी उनकी नहीं सुनते हैं। कुल मिलाकर खटिक की सीधी नाराजगी अपने कैबिनेट मंत्री से मानी जा रही है।

Yogi Sarkar-02 : After PWD, irrigation department is also in dock for transfers

हालांकि, बुधवार को लखनऊ में स्वतंत्र देव सिंह से मीडिया कर्मियों ने इस बारे में सवाल किया। स्वतंत्र देव सिंह ने इसकी जानकारी से ही इंकार किया, कि राज्यमंत्री खटीक नाराज भी हैं। उधर, राज्यमंत्री खटीक के सुरक्षा और सरकारी गाड़ी छोड़ने की भी चर्चाएं हैं।

2024 के चुनाव से पहले यह संदेश अच्छा नहीं

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया है कि कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्रियों के साथ तालमेल बनाकर चलें। साथ ही मंत्री अपने विभागों के अधिकारियों पर आंख मूंदकर यकीन न करें। बहरहाल, बड़े मंत्रियों की कुछ को रेबड़ी और कुछ को घुड़की वाली कार्य प्रणाली के चलते छोटे मंत्रियों में असंतोष की बातें कही-सुनी जा रही हैं। हालांकि, 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इस तरह के हालात पार्टी के लिए अच्छा संदेश नहीं है।

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