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बांदा में कबाड़ में बेचीं हजारों सरकारी स्कूल की किताबें पकड़ीं गईं, सप्लाई-बिक्री के गौरखधंधे का खुलासा

5 thousand books of government schools sold in junk in Banda, administration starts investigation
कबाड़ी के ठेले पर किताबों मिलने के बाद पूछताछ करते बांदा बीएसए।

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में बेसिक सरकारी स्कूलों में किताबों की सप्लाई से लेकर उनको कबाड़ के भाव बेचने का एक बड़ा रैकेट चल रहा है। मोटी कमीशनबाजी के इस खेल में कई सफेदपोश भी शामिल हैं। इसका खुलासा भी बुधवार को उस वक्त हो गया, जब जिले के सरकारी स्कूलों की करीब 5 हजार कुंटलभर किताबें कबाड़ में बेच दी गईं। सबकुछ गुपचुप ढंग से हो रहा था, लेकिन कुछ प्रबुद्धजनों की नजर इन किताबों पर पड़ीं तो पूरा खेल सामने आ गया।

कबाड़ के भाव खरीदकर जा रहा था कबाड़ वाला

इन किताबों को हथठेला वाला कबाड़ के भाव खरीदकर जा रहा था, तभी कुछ प्रबुद्धजनों की नजर उसपर पड़ गई। लोगों ने जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी। घटना के खुलासे से प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। अधिकारियों के होश अड़ गए। बताते चलें कि सरकार ने लाखों का टेंडर करके ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें दिलवाई। कमीशनबाजी की भेंट चढ़ीं किताबों को बेचा जा रहा है। अब प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

डीएम के आदेश पर पहुंचे बीएसए ने पूछताछ की

डीएम हीरालाल के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्र मौके पर पहुंचे और शिकायत को सही पाया। उन्होंने कहा कि किताबों की बिक्री के इस गौरखधंधे का जांच के लिए समिति गठित कर जांच कराई जाएगी। इतना ही नहीं यह भी कहा कि 24 घंटे के अंदर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं सूत्रों का कहना है कि जिन फर्म और एजेंसियों ने स्कूलों में किताबें सप्लाई की हैं, उनके खिलाफ भी जांच हो जाए तो कई सफेदपोश नपेंगे। मामला बुधवार को अतर्रा चुंगी चौकी के पास सामने आया। ठेलिया पर एक कबाड़ खरीदने का काम करने वाला व्यक्ति बेसिक स्कूलों में सप्लाई होने वाली नई किताबें खरीदकर जा रहा था।

विभाग के कई कर्मचारी इस गौरखधंधे में शामिल

लोगों की नजर पड़ी तो कहा कि किसी ने किताबों को कबाड़ में बेच दिया है। बीएसए हरिश्चंद्र मौके पर पहुंच गए। कबाड़ी से पूछतांछ की गई तो उसने बताया कि एक मकान से उसने किताबें कबाड़ के भाव खरीदी हैं। बताया जाता है कि उक्त घर बेसिक शिक्षा विभाग के ही एक बाबू का है। बीएसए ने किताबों को कब्जे में लिया और चौबीस घंटे में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। घटना को लेकर यह तो साफ हो गया कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सरकार किताबों की सप्लाई में कमिशनबाजी और घालमेल बड़े स्तर पर हुआ है। वहीं सूत्रों का कहना है कि जिन फर्म और एजेंसियों ने स्कूलों में किताबें सप्लाई की हैं, उनके खिलाफ भी जांच हो जाए तो कई सफेदपोश नपेंगे।

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