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अमृतसर रेल हादसा- लाचारीः परिवार के पास नहीं थे शव घर लाने के पैसे, व्हाट्सएप पर फोटो देख किया अंतिम संस्कार

समरनीति न्यूज, डेस्कः गरीबी इंसान से न सिर्फ उसकी खुशियां छीन लेती है बल्कि उसके दुखों के पलों को भी इतना पीड़ादायक बना देती है कि जिनकी टीस तामउम्र उसे चुभती रहती है। ऐसी ही कभी न भूला पाने वाला वाक्या बिहार के एक गरीब परिवार के साथ हुआ है। दरअसल, बिहार के गोपालगंज के एक परिवार के मुखिया की पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दिन हुए ट्रेन हादसे में दर्दनाक मौत हो गई।

गरीबी से जूझ रहा परिवार अब पालन-पोषण की चिंता 

मृतक के परिवार में गरीबी इस कदर हावी है कि उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि अपने के शव घर लाकर दाह-संस्कार कर सकें। सरकारी हमर्ददी और दावे-वादे भी इस गरीब लाचार परिवार की मदद नहीं कर सके। परिवार के लोग और मृतक की पत्नी पति के अंतिम दर्शन तक नहीं कर सके।

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मृतक की गर्भवती पत्नी को व्हाट्सएप पर ही अपने पति के अंतिम दर्शन कर उसकी अंत्येष्टि की फोटो देख दिल में तसल्ली करनी पड़ी। बताया जाता है कि गोपालगंज के सोनवर्षा पंचायत के सलोना गांव के राजेश भगत की दशहरा के दिन रेल हादसे में मौत हो गई थी।

पत्नी को सरकार से शिकायत 

मृतक की पत्नी का कहना है कि अमृतसर से शव लाने में 45 हजार का खर्च था लेकिन इतना पैसा नहीं जुटा पाई। मृतक की पत्नी ने पंजाब और बिहार की सरकारों पर भी सवाल उठाया। फिलहाल मृतक की पत्नी लगातार गुमसुम है और जहां बैठती है वहीं चीत्कार मारकर रोने लगती है।

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अब उसके सामने परिवार के भरण-पोषण और दो बच्चे के पालन-पोषण की चिंता है। एक बच्चा गर्भ में पल रहा है। हांलाकि गांव के लोग मदद का भरोसा दिला रहे हैं लेकिन कौन मदद करता है यह सभी जानते हैं।