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अनोखा विरोधः अवैध खनन के खिलाफ नदी की जलधारा में बैठकर किसानों ने किया जलसत्यागृह, आश्वासन पर 5 घंटे बाद हटे

बांदा के नरैनी इलाके में केन नदी की जलधारा के बीच बैठे धरना देते ग्रामीण व किसान।

समरनीति न्यूज, बांदाः अवैध खनन के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए एक स्वयं सेवी संगठन के कार्यकर्ताओं ने केन नदी में जल सत्यागृह आंदोलन शुरू किया है। संगठन के लोग खनन के लिए जलमार्ग न रोकने तथा मशीनों से खनन बंद कराने के साथ ही अवैध खनन करने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने की मांग कर रहे थे।

अवैध व मशीनों से खनन के खिलाफ ठेकेदारों पर रिपोर्ट की मांग 

बताया जाता है कि तहसील क्षेत्र के कोलावल रायपुर-2 केन नदी बालू घाट पर ठेकेदार और कुछ गांव वालों के बीच एक साल से विवाद चल रहा है। इसी विवाद में गुरूवार दोपहर लगभग 12 बजे चिंगारी नाम का स्वयंसेवी संगठन भी शामिल हो गया।

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संगठन के कार्यकर्ता और किसान केन नदी पर पहुंचे और नदी की जलधारा में बैठते हुए धरना दिया। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ता यह मांग कर रहे थे कि खनन कराने वाले ठेकेदार नदी में रास्ता बनाकर जलधारा रोक रहे हैं और दिन-रात मशीनों से खनन करा रहे हैं। इनका कहना था कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

शाम को कार्रवाई के आश्वासन पर धरना खत्म  

उधर, जानकारी होने पर नरैनी और तिंदवारी विधायक भी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। बाद में एडीएम संतोष बहादुर सिंह, एसडीएम अवधेश श्रीवास्तव, सीओ और एसओ भी वहां पहुंचे।

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अधिकारियों ने शाम लगभग 5 बजे कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया। बताते चलें कि जिले में अवैध खनन बदस्तूर जारी है। ज्यादातर जगहों पर मशीनों से नियमों को ताक पर रखकर खनन हो रहा है। खनन में एनजीटी के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।