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मैच फिक्सिंग में प्रतिबंधित रहे अजरुद्दीन को सम्मान पर गौतम गंभीर ने बीसीसीआई को लगाई लताड़

समरनीति न्यूज, नई दिल्‍लीः भारत और वेस्‍टइंडीज के बीच रविवार को कोलकाता में खेले गए पहले टी-20 मैच में क्रिकेट के दागी खिलाड़ी एवं मैच फिक्सिंग में प्रतिबंधित रहे अजरुद्दीन को सम्मान पर गौतम गंभीर ने नाराजगी जाहिर की है। दरअसल, गंभीर ने यह नाराजगी मैच की शुरुआत में अजरुद्दीन से घंटी बजवाने पर जाहिर की है। गंभीर ने इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई व प्रशासकों की समिति के साथ-साथ क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल को आड़े हाथों लिया है।

बीसीसीआई ने वर्ष 2000 में लगाया था मैच फिक्सिंग के चलते आजीवन प्रतिबंध   

दरअसल, ईडन गार्डंस सहित भारत के दूसरे क्रिकेट मैदानों में इंटरनेशनल मैच से पहले घंटी बजाकर मैच की शुरुआत की परंपरा है। हर बार किसी पूर्व क्रिकेटर को यह सम्‍मान दिया जाता है। गंभीर की नाराजगी इस बात को लेकर है कि मैच फिक्सिंग के आरोप में पूर्व में प्रतिबंधित किए गए अजरुद्दीन से यह काम कराया गया।

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एक तरह से दागी क्रिकेटर को सम्मान दिया गया। इस मामले को लेकर गौतम गंभीर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत ने भले ही ईडन गार्डंस पर मैच में जीत हासिल कर हो। लेकिन मुझे खेद है कि बीसीसीआई और सीओए व कैब की हार हुई है।

अजरुद्दीन के करियर का हुआ था शर्मनाक अंत 

गौतम ने लिखा है कि मैं जानता हूं कि ‘उन्‍हें (अजहरुद्दीन को) चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई थी लेकिन यह सदमा पहुंचाने वाला है, घंटी बज रही है, उम्‍मीद करता हूं कि शक्तियां सुन रही होंगी।’ बताते चलें कि क्रिकेटर अजरुद्दीन के करियर का बेहद विवादास्‍पद एवं शर्मनाक ढंग से अंत हुआ था।

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दरअसल, मैच फिक्सिंग विवाद में अजरुद्दीन का नाम सामने आया था जिसके बाद बीसीसीआई ने उसके खेले जाने वाले आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इस फैसले को अजरुद्दीन ने आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और वर्ष 2012 में कोर्ट का फैसला उसके पक्ष में रहा। इसके बाद बीसीसीआई ने इस अदालती फैसले को बड़ी अदालत में चुनौती ही नहीं दी थी जिसकी वजह से मामला वहीं थम गया।