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खरीद न होने पर भड़के किसानों ने खरीद केंद्र पर ही जलाई फसल, सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की चेतावनी

बांदा के अतर्रा खरीद केंद्र पर उपज न खरीदे जाने पर सांकेतिकतौर पर जलाते किसान।

समरनीति न्यूज, बांदाः प्राकृतिक आपदाओं से जूझते किसानों के के आगे अब खरीद न होने की समस्या खड़ी हो रही है। एक ओर सरकार किसानों की आय दो गुना करने के दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर उनकी फसल तक खरीद केंद्रों से लौटाई जा रही है। ऐसे में किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। मंगलवार को बांदा जिले के अतर्रा में एफसीआई केंद्र पर बने धान खरीद केंद्र के प्रभारी द्वारा किसानों की धान खरीद से साफ इंकार कर दिया गया। दरअसल, धान केंद्र प्रभारी का कहना था कि अभी मिलर्स की हड़ताल चल रही है। इसलिए वह खरीद नहीं कर सकता है। इससे गुस्साए किसानों ने खरीद केंद्र परिसर में ही अपनी फसल को सांकेतिकतौर पर आग लगा दी।

1 नवंबर से 28 फरवरी तक सरकार के हैं धान खरीद के आदेश 

बताते चलें कि 1 नवंबर से धान खरीद की अवधि शुरू हो चुकी है जो 28 फरवरी तक रहेगी। किसान परिवार का भरणपोषण करने को लेकर दिन-रात खेतों पर मेहनत कर फसल तैयार करता है। धान की उपज बेचने के लिए मंगलवार को दर्जनों किसान मंडी परिषद स्थित एफसीआई केंद्र में पहुंचे। वहां केंद्र प्रभारी ने खरीद से साफ मना कर दिया।

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किसान मुन्नी देवी, गजमूर्ति आदि की केंद्र प्रभारी हितेश और विवेक से झड़प होने लगी। सभी किसानों ने तौल कराए जाने  की मांग की। लेकिन केंद्र प्रभारी नहीं माने। किसानों का आरोप था कि धान का नमूना एक दिन पहले केंद्र प्रभारियों को दिखाया गया था। इसके बाद भाड़े से ट्रैक्टर करके फसल मजदूरों से लदवाकर खरीद केंद्र तक लाए थे।

किसानों ने धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी 

इतना खर्चा अलग से होने के बाद भी खरीद केंद्र पर फसल नहीं खरीदी गई। इससे किसानों का गुस्सा भड़क गया और किसानों ने जमीन में धान डालकर आग लगाना शुरू कर दिया। उसी बीच बुंदेलखंड किसान यूनियन के संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत चौरिहा पहुंच गए। उन्होंने किसानों को धान जलाने से रोकते हुए यूनियन द्वारा सरकार के किसान विरोधी रवैया पर धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की।

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मौके पर भारी भीड़ को देखकर केंद्र प्रभारी मौके से खिसक गए। केंद्र प्रभारियों ने जानकारी दी है कि अभी मिलर्स की हड़ताल जारी है जिससे खरीद हो पाना मुश्किल है। वहीं विपणन शाखा के प्रभारी भी हड़ताल पर चल रहे है। जिला  विपणन अधिकारी गोविंद प्रसाद ने इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

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उधर, उप जिला अधिकारी सौरभ शुक्ला ने मौके पर पहुंच कर किसानों को समझाया और उच्चाधिकारियों से वार्ता करने का आश्वासन देकर जल्द ही धान की खरीद कराने का बात कही है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन मंत्री साकेत बिहारी मिश्रा ने किसानों का धान ना खरीदे जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। साथ ही प्रदेश सरकार को किसान विरोधी एवं किसानों के साथ छलावा करने वाला बताया है।