

समरनीति न्यूज, डेस्कः अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में 3 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च कर डाले हैं। इनमें आधे से कहीं ज्यादा पैसा इलेक्ट्रानिक मीडिया के हिस्से में आया है। एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाली ब्यूरो ऑफ ऑउटरीच एंड कम्यूनिकेशन से खुलकर सामने आई है।
आरटीआई में मिली जानकारी
जानकारी के मुताबिक 2,374 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर खर्च किए गए हैं जबकि 670 करोड़ बाहरी प्रचार के लिए इस्तेमाल हुआ है। दरअसल, यह जवाब संजीव चतुर्वेदी की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में मिला है।
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बताया गया है कि इंटरनेट, प्रोडक्शन, एसएमएस, ऑल इंडिया रेडियो, डीडी नेशनल, मूवी थियेटर, टेलीविजन और अन्य माध्यमों से प्रचार पर खर्च की गई हैं। रकम को सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों, विभागों, मंत्रालयों की और से खर्च किया गया है। इसे सरकारी योजनाओं के अलावा रोजगार के नोटिस, टेंडरों और विभिन्न विभागीय विज्ञापनों के अलावा नोटिसों पर खर्च किया गया है।
