समरनीति न्यूज, डेस्कः म्यांमार की जेल में बीते करीब डेढ़ साल से कैद दो पत्रकारों को वहां के राष्ट्रपति ने माफी दे दी है। इसके बाद दोनों को रिहा कर दिया गया है। बताते हैं कि इन दोनों पत्रकारों को वहां गोपनीयता कानून तोड़ने के आरोप में दोषी पाया गया था। इसके बाद वहां की अदालत ने दोनों को 7 साल की सजा सुनाई थी लेकिन अब 17 अप्रैल से म्यांमार से शुरू होने वाले वहां के नव वर्ष से पहले दोनों का माफी दे दी गई है।
म्यांमार की परंपरा है माफी
न्यूज एजेंसी ने चश्मदीदों के हवाले से जानकारी दी है कि मंगलवार को दोनों पत्रकारों, वा लोन और क्याव सो को यंगून की जेल से बाहर निकलते हुए देखा है। उन्हें सितंबर 2017 में सजा सुनाई गई थी। वे 12 दिसंबर 2017 से जेल में थे।
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इस मामले को लेकर म्यांमार के राष्ट्रपति विन मिंट ने हाल ही में जानकारी दी थी कि बौद्ध नववर्ष त्यौहार तिंगयान के दौरान मानवीय आधार पर 16 विदेशी बंदियों को माफ कर सकते हैं। हांलाकि माफी वाले कैदियों की सूची में रायटर्स के पत्रकारों के नाम नहीं थे लेकिन अब उनको माफी देते हुए रिहा करने की खबर से लोगों में खुशी है।
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बताया जाता है कि इन दोनों पत्रकारों ने म्यांमार में रोहिंग्या संकट से जुड़ी खबरों पर रिपोर्टिंग की थी। सितंबर 2017 में गिरफ्तारी के वक्त दोनों रखाइन प्रांत ने पहले दोनों ने रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ सेना के अत्याचार के खिलाफ रिपोर्टिंग की थी। दोनों को उस समय कानून तोड़ने का आरोपी माना गया था जब उनके हाथ कुछ गोपनीय दस्तावेज हाथ लगे थे।