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..जब बांदा में दौड़ती स्कॅार्पियो में गूंजीं नन्हे फरिश्ते की किलकारियां

प्रतिकात्मक फोटो।

विपुल सिंह, समरनीति न्यूज, डेस्कः बांदा जिले में शनिवार को एक चलती स्कार्पियों में नन्हे फरिश्ते की किलकारियां गूंज उठीं। इससे परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, वहीं गाड़ी वाले ने भी सुखद अनुभव किया। अब मां और उसका नवजात यानि जज्जा-बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और जिला महिला अस्पताल में स्वास्थ लाभ ले रहे हैं। वहीं घटना का असहज करने वाला पहलू भी है कि बुलावे के बावजूद एंबुलेंस सेवा का लाभ प्रसूता को नहीं मिल सका। कॅाल की गई, लेकिन एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची।

पड़ोसी की गाड़ी का मिला सहारा    

दरअसल, देहात कोतवाली के पथरिया गांव के रहने वाले सुनील ने बताया कि उनकी पत्नी ममता (25) को शनिवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद उन्होंने एंबुलेंस सेवा 102 और 108 पर कॅाल की, लेकिन आश्वासन मिलने के बाद भी एंबुलेंस उनतक नहीं पहुंची। इसके बाद परिवार के लोगों ने गांव के एक व्यक्ति से अनुरोध करते हुए उनसे अपनी स्कार्पियों से प्रसूता को अस्पताल ले चलने को कहा। नेक काम के लिए स्कार्पियों मालिक भी राजी हो गया।

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इसके बाद प्रसूता को परिवार की महिलाओं के साथ जिला अस्पताल लाया जा रहा था कि इसी दौरान रास्ते में मवई गांव के पास प्रसूता को तेज दर्द हुआ और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। किसी तरह परिवार के साथ चल रहीं जच्चा-बच्चा को संभाला। बाद में दोनों को जिला महिला अस्पताल ले जाया गया। वहां महिला और नवजात को भर्ती कर लिया गया है। दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। उधर, मामले में सीएमएस किशोरी लाल का कहना है कि एंबुलेंस का संचालन एक सिस्टम से होता है। एंबुलेंस कॅाल करने के 15-20 मिनट बाद ही पहुंच पाती हैं, इसलिए हो सकता है पहुंचने में देरी हुई हो। फिर भी दिखवाया जाएगा।

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