समरनीति न्यूज, उन्नावः जिले से एक चौंकाने वाली खबर आई है। हत्या-अपहरण और रेप का आरोप लंबे समय से लोगों के घरों में पूजा-पाठ करा रहा था। 34 साल पहले उम्रकैद की सजा सुनाए जाने से पहले ही फरार हुआ यह आरोपी इतना शातिर है कि लगातार पुलिस की आंख में धूल झोंकता रहा। बाबा बनकर यूपी ही नहीं, दूसरे प्रदेशों में जाकर भी लोगों के घरों में पूजा-पाठ करता रहा। लोगों को प्रवचन सुनाता रहा। सूत्रों का कहना है कि उसने बाबा बनकर भी कुछ लोगों को शिकार बनाया है लेकिन शायद उसके कुकर्म, उसकी करनी का फल देने के लिए एक बार फिर उसे वापस उसके पैतृक गांव उन्नाव के अजगैन थाना क्षेत्र तक खींच लाए। जहां शक के आधार पर पुलिस ने उसे पूछताछ को रोका और फिर एक के बाद एक सच्चाई खुलती गई। सच्चाई जानकर पुलिस भी हैरान रह गई।
1984 में हुई थी उम्रकैद की सजा, फरार हुआ
उन्नाव के अपर पुलिस अधीक्षक विनोद पांडेय ने बताया है कि अजगैन थाना क्षेत्र के गांव धीरखेड़ा में सन 1982 में बाबू सिंह नाम के व्यक्ति की हत्या हुई थी। इसमें शेष नारायण सहित 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। सभी आरोपी जेल गए और बाद में जमानत पर छूट गए। इसके बाद अदालत ने 1984 में सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। सजा मिलने से आशंकित आरोपी शेष नारायण गांव से फरार हो गया। पुलिस ने उसे काफी तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
2013 में कानपुर में रेप और अपहरण में आरोपी
बीते शनिवार को उन्नाव क्षेत्र में सोनिक मोड़ के पास पुलिस ने उसे शक के आधार पर रोका। इसके बाद शक गहराया तो पकड़कर थाने ले गई। पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हुआ। बताते हैं कि उसके खिलाफ उन्नाव के अजगैन में हत्या तथा कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में 2013 में युवती के अपहरण, रेप का मुकदमा दर्ज है। उसने बताया कि जेल जाने से बचने के लिए वह साधु बन गया था और साधु वेश में दूसरे जिलों में मंदिरों में रहने लगा था। धीरे-धीरे कथाएं और प्रवचन करने लगा। अब पुलिस उसे जेल भेज रही है।
ये भी पढ़ेंः यूनिवर्सिटी हास्टल में लंबे समय से फरारी काट रहे 25 हजार के इनामी छात्र नेता की गोली मारकर हत्या