समरनीति न्यूज, बांदाः नगर पालिका बांदा की मिलीभगत बांदा शहर में भरे चौराहों पर सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लग रहा है। चौंकाने वाली बात है कि यह सबकुछ अधिकारियों की नजर के आगे हो रहा है, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। जी हां, शहर के सभी चौराहे अवैध होर्डिंग्स और बैनर से पटे पड़े हैं।
अवैध होर्डिंग्स-बैनर से पटे चौराहे
नियमतः नगर पालिका से शहर के मुख्य चौराहों से लेकर अन्य प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स लगाने के लिए टेंडर निकाले जाते हैं। इससे सरकार को बड़ा राजस्व लाभ होता है। यहां बिल्कुल उलट हो रहा है। अबतक टेंडर ही नहीं हुए तो सरकार को राजस्व कैसे मिल सकता है।
नए नगर पालिकाध्यक्ष के कार्यकाल को लगभग दो साल बीत रहे हैं, लेकिन अबतक इसका कोई ठेका हुआ ही नहीं है। यानि होर्डिंग्स अवैध रुप से लगाकर लाखों का वारा-न्यारा किया जा रहा है। ऐसा संभव नहीं है कि पालिका के जिम्मेदारों को इसकी कोई जानकारी न हो, बल्कि सबकुछ जानकर भी अनजान बने हैं। दरअसल, होर्डिंग्स के बदले मिलने वाला पैसा नगर पालिका के जिम्मेदारों की जेब में जा रहा है। इसीलिए कोई रोक-टोक नहीं है।
नया टेंडर न होने की जानकारी शहर के आवास विकास कालोनी निवासी समाजसेवी कुलदीप शुक्ला ने आरटीआई के माध्यम से हासिल की है। आरटीआई का जवाब देते हुए नगर पालिका बांदा के अधिशाषी अधिकारी (ईओ) ने कहा है कि वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू के कार्यकाल में अबतक बैनर-होर्डिंग्स से प्रचार-प्रसार का कोई ठेका नहीं हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर पालिका में कितनी बड़ी धांधली चल रही है।
क्या कहते हैं नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी
नगर पालिका के ईओ संतोष मिश्रा से इस बारे में बात की गई। उन्होंने बताया कि अभी पुराने टेंडर पर ही काम चल रहा है। नया ठेका नहीं हुआ है। पुराने टेंडर कैसे चल रहे हैं, उनका नवीनीकरण हुआ या नहीं, हुआ है तो कितने प्रतिशत राजस्व बढ़ाकर किया गया है। इन सभी बातों की जानकारी ईओ से प्राप्त नहीं हो पाई है। बहरहाल इतना तो तय है कि इस मामले में कहीं न कहीं भारी धांधली हो रही है।
सिटी मजिस्ट्रेट बोले, जल्द कराएंगे कार्रवाई
उधर, नगर मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह चाहल से इस मामले में बात की गई। उन्होंने कहा कि अगर बिना ठेके के बैनर-होर्डिंग्स लगाए जा रहे हैं तो सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि इसे कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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यह नगर पालिका प्रशासन की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि ईओ पालिका को तत्काल नया टेंडर कराने की कार्यवाही कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट चाहल ने कहा कि अगर पुराने टेंडर को अपरिहार्य कारणों से आगे बढ़ाया भी गया है तो देखा जाएगा कि कितने प्रतिशत राजस्व की बढ़ोत्तरी करके इसे लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई होगी।
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