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बांदा में खुलेआम ओवर रेट पर देशी शराब बिक्री, विभाग की मिलीभगत से माफिया हावी

Indo-English liquor sales openly over rate in Banda mafia dominates on contracts

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में आबकारी विभाग की मिलीभगत से खुलेआम ओवर रेट पर शराब की बिक्री बदस्तूर जारी है। देशी शराब के ठेकों से लेकर अंग्रेजी तक पर निर्धारित से ज्यादा की वसूली हो रही है। वहीं बीयर की दुकानों में प्रति बोतल 10 से 15 रुपए ज्यादा लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं निर्धारित समय से ज्यादा देर तक शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। सूत्रों की माने तो ये सब गड़बड़झाला जिले के आबकारी विभाग की मिलीभगत और अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा है। नेताओं और माफियाओं के मिलीभगत से यह खेल खुलेआम चल रहा है। लाकडाउन के बाद अनलाॅक में ज्यादा कमाने की होड़ में दारु के ठेके वालों ने नियम-कानून ठेंगे पर रख छोड़े हैं।

गड़बड़ी की बात कही, क्या किया पता नहीं

बताया जाता है कि शहर में देशी शराब के ठेकों के संचालक खुलेआम न सिर्फ दारु की कालाबाजारी कर रहे हैं बल्कि, उसके बदले में ज्यादा रकम भी वसूल रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सबकुछ उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में शहरी क्षेत्र में हो रहा है।

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हाल ही में कुछ दिन पहले एक माॅडल शाप पर अधिकारियों ने छापा मारा था। उस वक्त अधिकारियों ने इस शाप में कुछ गड़बड़ मिलने की बात कही थी, कार्रवाई करने का दावा भी किया था। हालांकि, तब भी आबकारी अधिकारी हां-ना करते मिले थे, लेकिन कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से की गई थी, इसलिए सबकुछ सामने आ गया था। लेकिन फिर क्या हुआ, किसी को पता नहीं चला।

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पुलिस की अनदेखी का फायदा उठा रहे माफिया

अबतक नहीं पता कि आबकारी विभाग ने माॅडल शाप के खिलाफ क्या कार्रवाई की, क्या नहीं की। सबकुछ ठंडे बस्ते में दबा दिया गया। इससे साफ है कि बड़े स्तर पर मिलीभगत के चलते ही ओवर रेट का खेल चल रहा है। सूत्रों की माने तो शहर के मेन प्वाइंट पर स्थित शराब के देशी ठेकों को निर्धारित समय से देरी तक खुले देखा जा सकता है।

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मेन गेट भले बंद हो, पीछे के गेट से दारु बिकती रहती है। इतना ही नहीं दुकानों के पास ही होटल खोलकर दारु पिलाई भी जा रही है। चाय पकौड़ी के होटल के नाम पर छोटे-मोटे बार खोल दिए गए हैं। दरअसल, जानकार बताते हैं कि इस मामले में शराब माफिया देशी ठेकों से खुलेआम ओवर रेट पर दारु बिकवा रहे हैं। इसकी एक वजह है कि पुलिस भी इनपर ध्यान नहीं दे रही है। पुलिस की अनदेखी के चलते ही ठेके और दुकान निर्धारित समय के बाद भी खुले रहते हैं। बांदा रोडवेज के पास स्थिति दारु के ठेके हों या रेलवे स्टेशन के पास वाले।

आबकारी विभाग पर पहले भी लगे गंभीर आरोप

पुराने कचहरी क्रासिंग के पास वाले दारु ठेके और दुकानें हों या चिल्ला रोड वाली। सभी जगह कमोवेश यही हालात हैं। वहीं पुलिस इन ठेकों पर जाकर कानून व्यवस्था के लिहाज से सख्ती नहीं करती है। इसका फायदा माफिया उठाते हैं। मामले की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि इन ठेकों और दुकानों पर कोरोना से बचाव के कोई उपाए नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। इस संबंध में बात करने के लिए आबकारी अधिकारी संतोष कुमार से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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