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राज्यसभा में बहुमत के लिए बीजेपी को करना होगा नवंबर 2020 तक इंतजार

सांकेतिक फोटो।

समरनीति न्यूज, पॉलिटिकल डेस्कः लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब पीएम मोदी और शाह की निगाह राज्यसभा में बहुमत हासिल करने पर है। हालांकि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह संभावना ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन आंकड़ों की माने तो राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए बीजेपी को नवंबर 2020 तक इंतजार करना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर, 2020 तक भाजपा संसद के ऊपरी सदन में बहुमत में आ सकती है। अगर ऐसा होता है तो नरेंद्र मोदी सरकार अपने कई महत्वपूर्ण विधेयकों को आसानी से पारित करा पाएगी। इनमें ट्रिपल तलाक विधेयक और नागरिक अधिनियम से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा राम मंदिर, महिला आरक्षण विधेयक भी पारित करने का रास्ता साफ हो जायेगा। इन दोनों पर बीजेपी हमेशा से राज्यसभा में बहुमत न होने का बहाना बताकर बचती आई है।

अभी तक राज्यसभा में एनडीए के हैं 102 सदस्य  

राज्यसभा में एनडीए के 102 सदस्य हैं। वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के 65 सदस्य हैं। इन दोनों दलों से अलग 73 सांसद राज्यसभा के सदस्य हैं। राज्यसभा में किसी के पास बहुमत के लिए जरूरी 123 सदस्य नहीं हैं। गौरतलब है इस साल राज्यसभा की दस सीटें खाली हो जाएंगी और अगले साल 72 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। उनमें से 55 सीटें सिर्फ अप्रैल, 2020 में खाली होंगी। वहीं, जून में पांच, जुलाई में एक और नवबंर में 11 राज्यसभा सांसद चले जाएंगे। इन पदों पर ज्यादा से ज्यादा अपने सांसदों को भेजने के लिए भाजपा को महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के विधानसभा चुनाव जीतने होंगे।

मनमोहन और देवगौड़ा के जाने पर असमंजस

ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा राज्यसभा में नजर न आएं। मनमोहन सिंह अगले महीने राज्यसभा से रिटायर्ड हो रहे हैं। वे असम से राज्यसभा सांसद बन कर संसद आए थे। अब उनका दोबारा यहां आना लगभग नामुमकिन है, क्योंकि असम विधानसभा में भाजपा के विधायक ज्यादा हैं। इसके चलते कांग्रेस असम से ही अपने एक और सांसद एस कुजूर को भी राज्यसभा नहीं भेज पाएगी। वे 14 जून को रिटायर हो रहे हैं।

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