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बांदा DIG दीपक कुमार अपने CO देवेंद्र मिश्रा की शहादत से बेहद दुखी

ips dipak kumar

समरनीति न्यूज, बांदाः यूपी के कानपुर जिले में बीते गुुरुवार की रात पुलिस महकमे के लिए काली साबित हुई। 1 साथ सीओ, 3 सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिस कर्मियों की शहादत ने सभी को हिलाकर रख दिया। बांदा ने भी अपना एक जाबांज बेटा सीओ देवेंद्र मिश्रा के रूप में खो दिया है। ऐसे में बांदा के डीआईजी दीपक कुमार इससे बेहद दुखी हैं। उनको अपने महकमे के इतने जाबांजों की शहादत ने काफी गहरा दुख पहुंचाया है। खासकर शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की शहादत की खबर ने उनको गहरा दुख पहुंचाया है।  

डीआईजी के साथ रहे थे शहीद सीओ

दरअसल, शहीद होने वाले आठ पुलिस कर्मियों में उनके काफी करीब रहे सीओ देवेंद्र मिश्रा भी शामिल हैं, जो कि मूलरूप से बांदा जिले के गिरवां क्षेत्र के सहेवां गांव के रहने वाले थे।

crying family of martyr CO Devendra Mishra in Kanpur

आज सुबह उनकी शहादत की खबर मिलते ही डीआईजी दीपक कुमार काफी दुखी हो गए। बताते हैं कि वर्ष 2016-17 में डीआईजी दीपक कुमार जब यूपी के गाजियाबाद जिले में बतौर एसएसपी तैनात थे।

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उस वक्त सीओ देवेंद्र मिश्रा मोदीनगर के पुलिस उपाधीक्षक हुआ करते थे। इसी तरह जब डीआईजी दीपक कुमार 41 बटालियन पीएसी में कमांडेंट थे तो सीओ देवेंद्र मिश्रा उनके सहायक कमांडेंट थे।

crying family of martyr CO Devendra Mishra in Kanpur

डीआईजी बोले, परिवार के साथ पूरी संवेदनाएं

फोन पर हुई बातचीत में डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि सीओ देवेंद्र मिश्रा उनके साथ कई जगह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीओ देवेंद्र एक बेहद तेज-तर्रार और अपने काम के प्रति काफी ईमानदार व्यक्ति थे। वह अपने कर्तव्य को बखूबी निभाना जानते थे। डीआईजी बताते हैं कि बांदा आने पर भी वह, उनसे मिलने जरूर आते थे। इसलिए उनके शहीद होने की सूचना ने उनको गहरा आघात पहुंचाया है। डीआईजी ने कहा कि उनकी शहीद के परिवार के साथ पूरी संवेदनाएं हैं।

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डीआईजी ने कहा कि बीती रात कानपुर की घटना पुलिस महकमे के लिए बड़ी क्षति है, लेकिन यह शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। बदमाशों को ढूंढकर पकड़ा जाएगा या उनका सफाया होगा। बताते चलें कि सीओ देवेंद्र मिश्रा बांदा के गिरवां थाना क्षेत्र के सहेवा गांव के रहने वाले थे और उनके भाई राजीव मिश्रा बांदा में महाराणा प्रताप चौराहे के पास रहते हैं। यहां उनका अपना निजी मकान है। घटना ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। खुद मुख्यमंत्री भी कानपुर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं।

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