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बैक पेनः कहीं कम न कर दे आपकी रफ्तार

प्रतिकात्मक फोटो।

अक्सर कहा जाता है कि एक उम्र के बाद कमर का दर्द स्वभाविक हो जाता है लेकिन डाक्टरों की मानें तो ऐसा कतई नहीं है। इस बात का हकीकत से कुछ लेना-देना नहीं है। अगर आप अपना ख्याल रख रहे हैं। समय से सोना और समय से जागने के साथ-साथ एक्सरसाइज और संतुलित आहार ले रहे हैं तो आप कमर दर्द से रहित जिंदगी जी सकते हैं। अगर ऐसा नहीं कर रहे हैं तो आज से ही अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर जिंदगी को खुशहाल बना सकते हैं।

समरनीति सेहतः  आज की भागम-भाग भरी जिंदगी में खुद का ख्याल रखना बेहद मुश्किल है। हम किसी बात को सबसे ज्यादा नजरअंदाज करते हैं तो हमारी खुद की सेहत है। कंप्यूटर पर काम करने वाले लोग सारा दिन उसके सामने बैठकर गुजार देते हैं। मार्केटिंग के लोग दिनभर कार और बाइक से इधर-उधर यात्रा करके। इन दोनों ही हालात में सबसे ज्यादा बोझ हमारी कमर उठाती है जो आगे जाकर दर्द की वजह बनती है।

हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में आज इतने संसाधन जुटाए जा चुके हैं कि हमारी पूरी की पूरी लाइफ स्टाइल ही बदल गई है। आज हमारी शारीरिक सक्रियता बिल्कुल कम होती जा रही है। यही वजह है कि कमर दर्द ने एक बहुत बड़े वर्ग को अपनी चपेट में ले लिया है।

फिर चाहे घरेलू महिलाओं की बात करें या नौकरी पेशा की। कमर दर्द महिलाओं ही नहीं पुरुषों में भी अपनी पैठ बनाता जा रहा है। ठीक ना बैठना और छोटी-छोटी बातों में अपनी कमर की अनदेखी करना इसका बड़ा कारण हैं। कमर दर्द को हम दो तरह से आसानी से समझ सकते हैं। जैसे एक नानस्पेसिफिक बैक पेन और दूसरा स्पेसिफिक बैक पेन।

नानस्पेसिफिक बैक पेनः

इस तरह का पेन किसी तनाव, सूजन या ऐठन की वजह से हो सकता है। ऐसे पेन की कोई खास वजह नहीं होती। वहीं दूसरी ओर स्पेसिफिक पेन किसी न किसी खास वजह से होता है। जैसे किसी एक्सीडेंट में आई कोई चोट की वजह से पेन होता है या फिर शरीर में कोई इंफेक्शन तथा हड्डी की किसी दूसरी बीमारी की वजह से पेन होता है।

 

नानस्पेसिफिक बैक पेन की खास वजहें  

  • शरीर का वजन सामान्य से ज्यादा होना।
  • पेट बाहर की ओर ज्यादा निकला होना।
  • लंबे समय तक खड़े होकर काम करना।
  • लगातार लंबी दूरी की ड्राइविंग यानि कार या बाइक चलाना।
  • बैठते और चलते समय पोस्चर सही न होना और हमेशा आगे की ओर झुककर चलना या बैठकना।
  • महिलाओं में ऊंची हील वाले फुटवियर पहनना।
  • खान में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी का होना।
  • शारीरिक शिथिलता के चलते मांसपेशियों में खिंचाव बना रहना।
  • गलत ढंग से वजन उठाना या क्षमता से ज्यादा वजह उठा लेना।

 

नानस्पेसिफिक बैक पेन से बचने के टिप्स

  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करना और अगर यह संभव ना हो तो लंबी दूर तक तेज चाल में पैदल टहलना।

  • उगते सूरज को देखना यानि सुबह-सुबह की धूम में थोड़ा समय बिताना। जो आपके शरीर को विटामिन डी की पूर्ति करेगा।

  • डाइट में दूध से बनी चीजों को भरपूर जगह दें। यानी दूध के अलाव पनीर, दही और मट्ठा लें। ताकि कैल्शियम की कमी न हो।

  • महिलाएं खासकर ऊंची हील के फुटवियर न पहनें। कम हील या नार्मल फुटवीयर ही पहनें।

  • सोने से पहले यह देख लें कि आपका बिस्तर आरामदायक है या नहीं। बिस्तर न तो बहुत सख्त हो और न ही बहुत नर्म।

  • अगर आप करवट लेकर सोते हैं तो दोनों घुटनों के बीच तकिया रखकर  सोयें। यह कमर के लिए आरामदायक रहेगा।

ऐसे समझें स्पेसिफिक बैक पेनः

स्पेसिफिक बैक पेन  की बात करें तो यह दूसरी बीमारियों की ओर इशारा करता है। डा. अजय मिश्रा  बताते हैं कि कई बार एक्सीडेंट की वजह से हड्डी में फ्रैक्चर से उठने वाला दर्द भी ऐसा ही एक कारण है। शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन भी कमर दर्द का कारण बन सकता है। डाक्टर बताते हैं कि अगर शरीर में लगातार लंबे समय तक असहनीय कमर दर्द बना हुआ है तो उसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके डाक्टर को दिखाकर सहीं जांचे करानी चाहिए। ताकि कमर दर्द का पूरा इलाज हो सके।

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