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हाइकोर्ट ने बांदा में महिला सिपाही की थाने में संदिग्ध मौत का लिया संज्ञान, महकमे में हड़कंप..

बांदा में महिला सिपाही नीतू को श्रद्धांजलि देते पुलिस अधिकारी। नीतू की फाइल फोटो। (इनसेट) (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में 4 सितंबर 2018 को कमासिन थाने के भीतर हुई महिला सिपाही नीतू शुक्ला की संदिग्ध मौत के मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इसके बाद थाने से लेकर मुख्यालय तक पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। मृतका का भाई ने मामले में पुलिस अधिकारियों और थाने में तैनात कुछ पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक सिपाही के भाई की माने तो इस मामले में पुलिस ने कदम दर कदम कई ऐसे काम किए हैं जो नहीं होने चाहिए थे।

मृतका के भाई ने दाखिल की थी हाईकोर्ट में याचिका  

दरअसल, पुलिस जहां इस मामले को आत्महत्या बता रही थी वहीं मृतका के परिजन इसे हत्या बताते रहे हैं। ऐसे में थाने के पुलिस कर्मियों और अधिकारियों पर एक तरफा काम करने का आरोप है। अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थानीय अदालत द्वारा खारिज की गई मृतका के भाई की अर्जी पर संज्ञान ले लिया है। साथ ही निचली अदालत को आदेश दिए हैं कि नई अर्जी लेकर नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करें।

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चार सितंबर, 2018 को कमासिन थाने में तैनात नीतू शुक्ला का शव थाने में ही कमरे में संदिग्ध हालात में लटका मिला था। मृतका के पिता (पुलिस सब इंस्पेक्टर) अनिल कुमार शुक्ला और भाई राघवेंद्र शुक्ला (अधिवक्ता) इसे हत्या बता रहे हैं। इतना ही नहीं तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष और कई पुलिस कर्मियों पर इन लोगों ने हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे।

नीतू शुक्ला, महिला सिपाही। (फाइल फोटो)

आरोप, न काल डिटेल दी, न सुसाइड नोट दिखाया 

मृतका के भाई राघवेंद्र ने 19 नवंबर, 2018 को बांदा सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग की थी। याचिका अर्जी में एसपी, अपर एसपी, तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष प्रतिमा सिंह और कांस्टेबल योगेश मौर्या, रावेंद्र साहू, तसलीम अहमद, ज्ञान प्रकाश ओझा और हरेंद्र पाल को आरोपी बनाया गया था। न्यायालय ने सुनवाई के बाद यह अर्जी खारिज कर दी थी। इसपर मृतक के भाई राघवेंद्र ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां याचिका दायर की। बताते हैं कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने 28 फरवरी 2019 को अपने पांच पृष्ठीय आदेश में आदेश दिए हैं को नए सिरे से अर्जी पर सुनवाई के बाद आदेश पारित करें।

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मृतका के भाई राघवेंद्र ने कहा है कि वह जल्द ही नई अर्जी दाखिल करके एसपी, अपर एसपी और थानाध्यक्ष सहित सभी आठ आरोपियों को शामिल करने का अनुरोध करेंगे। मृतका के भाई राघवेंद्र का आरोप है कि नीतू का सुसाइड लेटर आज तक पुलिस ने उसे नहीं दिखाया है। न ही मृतका के मोबाइल फोन की काल डिटेल और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही उनको दी है। उधर, सूत्रों की माने तो मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश की भनक मिलते ही कमासिन पुलिस ने मृतका नीतू के भाई की पुरानी तहरीर के आधार पर आनन-फानन रिपोर्ट भी दर्ज कर ली। हांलाकि इस रिपोर्ट में मात्र एक कांस्टेबल हरेंद्र सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया है जबकि एक अज्ञात का नाम लिखा गया है।

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