समरनीति न्यूज, बांदाः नारी इंसाफ सेना की कमांडर वर्षा कौशल को गढ़कुंडार किले और वहां के शिलालेखों पर शोध कार्य के लिए डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वर्षा की इस उपलब्धि पर उनके परिजनों व शुभ चिंतकों ने खुशी जाहिर करते हुए शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। बताते चलें कि महिलाओं के उत्थान को लेकर समाज सेवा के क्षेत्र में भी वर्षा अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वर्षा कौशल उर्फ वर्षा भारतीय ने 12वीं शताब्दी के राजा परमाल चंदेल के समकालीन गढ़कुंडार किले के किलेदार से लेकर अनगिनत शिलालेखों पर शोध किया।
शोध कार्य के लिए डाक्टरेट की उपाधि
साथ ही दतिया के बुंदेला राजा शत्रुजीत के समय से लेकर राजा खेत सिंह तक के समय को अपने शोध कार्य में शामिल किया। उन्होंने बताया कि गढ़कुंडार का किला और कुएं का जीर्णोद्धार राजा शत्रुजीत के समय में ही किया गया था। उनकी शोध रचना को शनिवार को भेपाल में आयोजित कार्यक्रम में खूब सराहा गया। साथ ही उन्हें डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उप्र के पूर्व मंत्री हरगोविंद कुशवाहा, बादशाह सिंह, पुरातत्व विभाग के संग्रहालय अधीक्षक डा रमेश यादव, पुरातत्व अधिकारी पीएल महोबिया, सागर यूनिवर्सिटी के डा नागेश दुबे समेत यूपी व एमपी के तमाम प्रबुद्धजन मौजूद रहे।
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