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कानपुर के रीजेंसी में कैशियर की मौत पर बवाल, भर्ती से पहले का डेथ सर्टिफिकेट व 5 से 7 लाख बढ़ाया बिल

In Regency Hospital of Kanpur Bank cashier Ruckus over death allegations of negligence

समरनीति न्यूज, कानपुरः आज यहां रविवार को यूनियन बैंक के कैशियर की गोविंदनगर स्थित रीजेंसी नर्सिंग होम में मौत हो गई। इसके बाद यूनियन बैंक के कर्मचारियों और मृतक के परिजनों ने नर्सिंग होम में जमकर हंगामा किया। आक्रोशित लोगों ने अस्पताल परिसर में रिशेप्सन पर रखा कंप्यूटर भी तोड़ डाला। मृतक के परिजनों और साथियों का आरोप है कि नर्सिंग होम ने मरीज को भर्ती करने से तीन दिन पहले का डेथ सर्टिफिकेट बनाकर दिया। साथ ही कुछ घंटे में ही अस्पताल का बिल 5 से 7 लाख बढ़ा दिया गया। बताया जाता है कि प्रेम चंद्र शुक्ला (35) परमट में यूनियन बैंक में कैशियर पद पर तैनात थे, उनके एक दो माह की बेटी है और लगभग तीन साल पहले ही शादी हुई थी। घटना को लेकर कई घंटे बवाल बना रहा।

In Regency Hospital of Kanpur Bank cashier Ruckus over death allegations of negligence

मौत से 5 घंटे पहले तक 5 लाख था बिल, बाद में 7 लाख

उनको डेंगू होने के कारण 10 दिन पहले ही गोविंद नगर स्थित रीजेंसी अस्पातल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। वहां आज रविवार सुबह उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जब उनको डेथ सर्टिफिकेट दिया गया तो उसमें 27 अक्टूबर तारीख लिखी गई थी। परिजनों का यह भी आरोप है कि बीती शाम को मरीज के इलाज का जो बिल मिला था वह 5 लाख था, जबकि कुछ घंटे बाद मरीज की मौत होने पर फाइनल बिल 7 लाख का दिया गया। परिजनों व बैंककर्मियों का कहना है कि पांच घंटे में ही 5 से 7 लाख रुपए बिल कैसे बना दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल कर्मचारी यह कह रहे थे कि डेड बॉडी तब देंगे जब 7 लाख का पूरा बिल चुकता हो जाएगा।

भर्ती के वक्त डेंगू की पुष्टि, डेथ सर्टिफिकेट में हार्टअटैक

इसी पर गुस्साए लोगों ने हंगामा किया। घंटों चले बवाल के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। तब मामला शांत हुआ। इस मामले में यूनियन बैंक आफ इंडिया के कानपुर के अध्यक्ष मोहित केसरवानी का कहना है कि जब मरीज को भर्ती कराया गया तो डेंगू की पुष्टि हुई, बाद में डेथ सर्टिफिकेट में हार्टअटैक बताया गया। इसके अलावा बिल भी कुछ ही घंटों में दो लाख रुपए बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस और मीडियाकर्मियों के आने के बाद डेड बाडी दी गई, वरना पहले तो अस्पताल के लोग धमकी दे रहे थे। उधर, अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

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