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STF के शिकंजे में शातिर दिमाग MMBS डाक्टर – भारत में साजिश-नेपाल में कत्ल, प्यार-धोखा और सेक्स की हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री

समरनीति न्यूज, लखनऊः एसटीएफ ने गोरखपुर से जुड़े एक बेहद चौंकाने वाले और शातिराना अंदाज में हुई मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया है। इस कत्ल की साजिश रचकर उसे अंजाम देने वाला एक जाना-माना एमएमबीएस डाक्टर बताया जा रहा है। एसटीएफ का कहना है कि इस सफेदपोश आपराधिक दिमाग वाले डाक्टर ने इतनी सफाई से हत्या की वारदात को अंजाम दिया कि कहीं कोई नामों-निशान तक नहीं छोड़ा। सर्विलांस ट्रेंड इस हत्याभियुक्त डाक्टर ने हर कदम बड़ी फूंक-फूंककर रखा। लेकिन उसकी बदकिस्मती कहिए या एसटीएफ की सतर्कता, स्पेशल टास्क फोर्स ने न सिर्फ हत्याभियुक्त को धर दबोचा बल्कि पर्त-दर-पर्त बड़ी चालाकी से बुनी गई हत्या की इस वारदात का खुलासा भी कर डाला। इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में एसडीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बेहद अहम भूमिका निभाई। उनकी सूझबूझ से ही पूरी टीम ने इस ब्लाइंड मर्डर से पर्दा उठाया।

मृतका राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव। (फाइल फोटो)

गोरखपुर के बड़े डाक्टर की साजिश वाला हाईप्रोफाइल मर्डर 

बताया जाता है कि वर्ष 2011 से पहले बिहार के गया की रहने वाली राजेश्‍वरी श्रीवास्‍तव उर्फ राखी अपने पिता का इलाज कराने गोरखपुर के फेमस डा. धर्मेन्‍द्र प्रताप सिंह उर्फ डीपी सिंह के नर्सिंग होम आई थी। वहां डाक्टर डीपी सिंह को पहली मुलाकात में ही राजेश्वरी उर्फ राखी पसंद आ गई। इसके बाद मुलाकात का सिलसिला शुरू हो गया।

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बात प्यार तक पहुंची और फिर डा. डीपी सिंह ने पहले से शादीशुदा होते हुए भी राजेश्‍वरी के साथ साल 2011 में गोंडा जिले में दूसरी शादी कर ली। इतना ही नहीं डाक्टर ने राजेश्‍वरी को शाहपुर के बिछिया में एक घर भी रहने के लिए खरीदकर दे दिया। कुछ दिन सबकुछ ठीक चला। फिर दोनों में अनबन हो गई। इसके बाद राजेश्‍वरी ने डाक्टर से पैसे और दूसरी चीजों की डिमांड शुरू कर दी।

मृतका राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव। (फाइल फोटो)

डाक्टर के खिलाफ लिखाया था रेप का मुकदमा 

दोनों के बीच दूरियां इस कदर बढ़ गई थी कि राजेश्वरी ने डाक्‍टर डीपी सिंह के खिलाफ कैंट थाने में रेप का मुकदमा तक लिखा दिया। हांलाकि पुलिस ने बाद में इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी लेकिन राजेश्वरी ने डाक्टर को हिलाकर रख दिया था। हांलाकि सूत्रों की माने तो डाक्टर डीपी सिंह की गोरखपुर में इमेज बहुत अच्छी नहीं है। उन्हें उनके काम से नहीं जाना जाता। बल्कि वह दवा कंपनियों के ब्रोकर और दूसरे गलत काम के लिए बदनाम माना जाता रहा है।

मृतका राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव। (फाइल फोटो)

मकान नाम कराना चाहती थी राजेश्वरी

डाक्टर डीपी सिंह पहले से बदनाम था लेकिन इस बार उसका पाला राजेश्वरी जैसी तेज दिमाग चालाक लड़की से पड़ा था जो शादी के वक्त खरीदकर रहने को दिए मकान को अपने नाम कराना चाहती थी। इसी को लेकर वह डाक्टर पर दवाब बनाती रहती थी। हांलाकि इस बीच राजेश्वरी ने फरवरी 2018 में बिहार के गया निवासी मनीष सिन्हा नाम के व्यक्ति से शादी कर ली थी लेकिन डाक्टर से उसका मिलना-जुलना जारी था।

मृतका राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव के शव की फोटो।

छुटकारा पाने को रची साजिश

बेहद शातिर दिमाग और आपराधिक सोच वाले डा. धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने राजेश्वरी की हत्या की साजिश रच डाली। जून के पहले सप्ताह में राजेश्वरी पति के साथ काठमांडू गई थी। वहां से नेपाल के सारंग कोट जिला कास्की, पोखरा पहुंची। इसके बाद वह पोखरा में ही रुक गई और पति को वापस घर भेज दिया। बातचीत के पास डाक्टर डीपी भी वहां दो साथियों के साथ पहुंचा।

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राजेश्वरी को लगा था कि डाक्टर उससे मिलकर उसकी डिमांड पूरी करेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डाक्टर ने अपने दो कर्मचारियों के साथ राजेश्वरी को नशीली दवा खिलाने के बाद शराब पिलाकर पोखरा में एक पहाड़ी से धक्का दे दिया। इसके बाद वहां से तीनों भाग निकले। नेपाल पुलिस ने राजेश्वरी की लाश बरामद की थी। साथ ही शव का पोस्टमार्टम भी कराया था

हत्याभियुक्त डाक्टर धर्मेंद्र प्रताप सिंह। (फाइल फोटो)

4 जून को हत्या के बाद से लापता थी राजेश्वरी

4 जून को डाक्टर डीपी व उसके दो साथियों ने राजेश्वरी की हत्या कर दी। मृतका के भाई अमर प्रकाश श्रीवास्तव ने काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता न चलने पर बीती 24 जून को शाहपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में जिला पुलिस के शक की सुईं राजेश्वरी के पति के इर्द-गिर्द घूम रही थी लेकिन बाद में इस हाईप्रोफाइल ब्लाइंड मर्डर मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई।

हत्याभियुक्त डाक्टर धर्मेंद्र प्रताप सिंह। (फाइल फोटो)

ऐसे पकड़ में आया डाक्टर

ब्लाइंड मर्डर के खुलासे में जुटी एसटीएफ की टीम दिन-रात काम कर रही थी। इसकी मानिटरिंग खुद आईडी अमिताभ यश कर रहे थे। एसटीएफ को राजेश्वरी के फोन की आखिरी लोकेशन नेपाल मिली थी। इसी बीच एक सुराग ने एसटीएफ को नेपाल पुलिस को मिली राजेश्वरी की लाश तक पहुंचाया।

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फिर एसटीएफ ने लंबी छानबीन के बाद डाक्टर की साजिश का खुलासा किया। एसटीएफ आईजी श्री यश ने बताया कि डाक्टर डीपी और उसके दो साथियों प्रमोद कुमार सिंह और देशदीपक निषाद तीनों ने मिलकर राजेश्वरी को शराब और नशीली दवा खिलाकर पहाड़ी से धकेलकर उसकी हत्या की। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अपराधियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है।

खुद को बताया परेशान  

हत्या की साजिश रचने के साथ ही उसे अंजाम देने वाला डाक्टर धर्मेंद्र इतना शातिर है कि पकड़ने जाने के बाद भी खुद को बचाने की कोशिश करता दिखाई दिया। उसने मीडिया के सामने अपना जुर्म कबूल किया। साथ ही कहा कि उसने मानसिक रूप से परेशान होकर ऐसा किया। बहरहाल उसकी चालाकी धरी की धरी रह गई हैं। पुलिस उसे उसके दोनों साथियों के साथ जेल भेज रही है।

सर्विलांस ट्रेंड आरोपी डाक्टर 

एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि आरोपी हत्याभियुक्त डाक्टर सर्विलांस ट्रेंड है। यानि वह खुद को ट्रेस होने से बचाने के लिए अपना फोन नर्सिंग होम पर या कहीं दूसरी जगह पर छोड़ जाता था। ऐसा एक-दो बार नहीं बल्कि अक्सर यही करता था ताकि फोन की लोकेशन दूसरी जगह दिखाई दे और वह खुद कहीं। लेकिन एसटीएफ ने इस बात का भी एक बेहद बारीक से सुराग से पता लगा लिया। हांलाकि इसका यहां खुलासा करना ठीक नहीं होगा।