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जाली दस्तावेजों के सहारे पुलिस में अपराधियों की इंट्री, जांच में खुलासे के बाद हो रहे बर्खास्त

समरनीति न्यूज, लखनऊः जाली प्रमाणपत्रों के सहारे अपराधियों ने पुलिस में इंट्री कर ली है। गनीमत इस बात की है कि अभी ये अपराधी पुलिस प्रशिक्षण की लाइन में हैं और बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ी है। वरना इनको पकड़ा मुश्किल हो जाता। इतना ही नहीं बाद में इनके कामकाज से महकमे की साख भी खराब हो सकती थी।

60 युवक ऐसे जिनपर दर्ज हैं आपराधिक मुकदमे 

बताया जाता है कि जाली प्रमाण पत्रों के सहारे करीब 60 युवक पुलिस में भर्ती हो गए हैं। इन युवाओं पर लूट, चोरी, छेड़खानी और दहेज हत्या के अलावा मारपीट जैसे आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ है जब इनके कागजों को सत्यापन के लिए संबंधित थानों को भेजा गया। वहां से आई रिपोर्ट के बाद अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।

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पुलिस की ट्रेनिंग ले रहे इन सिपाहियों में 60 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। अधिकारियों ने आनन-फानन में 14 सिपाहियों की सेवा समाप्ति के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है। ये सभी सिपाही अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। बाकी की जांच चल रही है जिनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

16 को किया जा चुका है बाहर, बाकी की जांच जारी 

बताया जाता है कि 2015-16  में पुलिस विभाग ने हाईस्कूल-इंटर के अंकों की मेरिट के आधार पर महिला/पुरुष अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। चयन के बाद जून 2018 में आजमगढ़ जिले में अभ्यर्थियों के फिटनेस की जांच हुई।

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इसमें आजमगढ़, कुशीनगर,  देवरिया और बलिया जिले के कुल 285 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। एक तरफ इनके प्रमाणपत्रों की जांच चलती रही और दूसरी ओर इनको अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग को भेज दिया गया। अब थानों से आई सत्यापन रिपोर्ट ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए। बताते हैं कि इन सभी ने झूठा शपथ पत्र दिए थे कि इनपर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।

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सत्यापन में आजमगढ़ के छह, बलिया के दो, देवरिया और कुशीनगर जिले के तीन-तीन सिपाहियों को नौकरी से हटाया जा रहा है। बाकी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उधर, आजमगढ़ एसपी रविशंकर छवि का कहना है कि झूठा शपथपत्र देकर 60 युवक पुलिस में भर्ती हो गए हैं। जांच में खुलासा होने पर कार्रवाई की जा रही है। कुछ की सेवा समाप्ति कर दी गई है। बाकी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।