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कानपुरः अपहरणकर्ताओं को 30 लाख दिलाने के मामले में इंस्पेक्टर नपे, तीन और बदले

Kanpur: Inspector Nape, three more changed in case of getting 30 lakh to kidnappers

समरनीति न्यूज, कानपुरः बीते 24 दिनों से एक युवक के अपहरण के मामले में पुलिस द्वारा परिवार से 30 लाख रुपए फिरौती दिलाने के बावजूद न अपह्रत मिला और न अपहरणकर्ता। इस पूरे मामले ने आखिरकार कानपुर के बर्रा थाने की पुलिस की लापरवाही की पोल खोल दी। एसएसपी ने इस मामले में बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को सस्पेंड कर दिया है। अब हरमीत सिंह को बर्रा का नया इंस्पेक्टर बनाया गया है। हरमीत अब तक सर्विलांस सेल के प्रभारी थे।

हरवंश मोहाल थाने में भी नए प्रभारी

इसी तरह क्राइम ब्रांच प्रभारी वीर सिंह को हरवंशमोहाल थाने का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है। अबतक हरवंशमोहाल थाना प्रभारी रहे सतीश कुमार सिंह को सर्विलांस सेल का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच में ही सेकेंड अफसर रहे इंस्पेक्टर नवरतन गौतम को वहां का प्रभारी बना दिया गया है।

ये है अपहरण का पूरा मामला

कानपुर शहर के बर्रा 5 निवासी चमन यादव का बेटा संजीत लैब टेक्नीशियन है। वह 22 जून को बाइक लेकर निकला और उसके बाद लापता हो गया। पीड़ित परिवार ने बर्रा थाने में घटना की सूचना दी। पुलिस युवक का कुछ पता नहीं लगा पाई। उसके लापता होने के 3 दिन बाद लापता संजीत के पिता के मोबाइल पर काल करके बदमाशों ने युवक को छोड़ने के लिए 30 लाख फिरौती की मांग की। फिर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए जांच शुरू की।

घर-गहने बेच परिवार ने इकट्ठा की रकम

परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनसे कहा था कि एक योजना के तहत फिरौती की रकम बदमाशों को दे दो। इसके बाद बदमाशों को पकड़ा जाएगा। पीड़ित परिवार ने बेटे के लिए अपना बर्रा 5 में बना मकान 20 लाख रुपए में बेच डाला। बेटी की शादी के लिए रखे जेवर भी बेचे। तब 30 लाख का इंतजाम हुआ। सबकुछ पुलिस की योजना के तहत हुआ। इसके बाद बदमाश आए और 30 लाख लेकर निकल गए। पुलिस न तो बदमाशों को पकड़ पाई, न अपह्रत को बचा पाई।

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