समरनीति न्यूज, लखनऊः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद यूपी के कई जिलों और शहरों में हिंसा भड़क गई। भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी के साथ ही पेट्रोल बम और तेजाब जैसी चीजों से हमला किया। कई मौकों पर बेकाबू उपद्रवियों के आगे पुलिस को भी सब्र से काम लेना पड़ा। हालांकि, पुलिस ने लाठीचार्ज करके स्थिति को संभाला भी। इस हिंसा में यूपी में कुल 13 उपद्रवियों की मौत होने की जानकारी है। यूपी के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने जानकारी दी है। उधर, शनिवार को कानपुर में अफवाहों का बाजार गर्म रहा। नवीम मार्केट में अफवाह के चलते एक बार तो भगदड़ की स्थिति बनते-बनते बनी। वहीं बाबूपुरवा में पुलिस सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा दी गई है।
मेरठ में 4 तथा कानपुर, बिजनौर और संभल में 2-2 मरे
वहीं मेरठ में 4, कानपुर, बिजनौर और संभल में 2-2 तथा मुजफ्फरनगर, वाराणसी और फिरोजाबाद में भी 1-1 उपद्रवियों की जान गई है। वहीं दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के समर्थन में भी अब प्रदर्शन होने लगे हैं।
एनआरसी के पक्ष में भी प्रदर्शन शुरू
पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों ने दिल्ली में सीसीए के पक्ष में प्रदर्शन किया। वहीं भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं ने जयपुर में रैली निकालकर इस कानून को लागू करने की मांग की। इसी तरह पंजाब के अमृतसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने रैली निकालकर कानून के प्रति अपनी सहमति जताते हुए खुशी जाहिर की। शुक्रवार को हुई हिंसा में मेरठ के बाद सबसे ज्यादा खराब हालात कानपुर में देखने को मिले।
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यहां कई जगह हिंसक प्रदर्शन किए गए। जुमा की नमाज के बाद सड़क पर उतरे उपद्रवियों ने बाबूपुरवा ईदगाह मैदान के पास पुलिस की चार जेब्रा बाइकों को आग लगा दी। इतना ही नहीं दूसरी गाड़ियों को भी तोड़ने-फोड़ने लगे। इसके बाद तमंचे से गोलियां चलाईं और पुलिस पर पेट्रोल बम व देशी बम फेंके। बचाव में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। गोली लगने से 12 घायल हुए। देर रात 2 ने दम तोड़ दिया। 1 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी व कर्मी भी घायल
पथराव में दो पुलिस उपाधीक्षकों समेत इंस्पेक्टर, दरोगा और सात पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। करीब 12 मीडियाकर्मियों को भी चोटें लगी हैं। करीब 2 हजार प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने की सूचना पर सीओ बाबूपुरवा मनोज गुप्ता ने कार्रवाई की चेतावनी दी और घर लौटने की अपील की। इसी दौरान अचानक गलियों से उपद्रवियों ने निकलकर पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू करते हुए तमंचों से गोलियां चलाईं।
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इतना ही नहीं पेट्रोल बम भी फेंके। पुलिसकर्मियों ने वहां भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। सूचना पर कई थानों का फोर्स और पीएसी के साथ डीएम विजय विश्वास पंत, एसएसपी अनंत देव अधिकारियों के साथ वहां पहुंचे। फिर भी उपद्रवियों फायरिंग जारी रखी। पुलिस अधिकारी भी हिंसक भीड़ से घिर गए। ऐसे में जवाब में पुलिस को मजबूरन गोलियां चलानी पड़ीं और 12 उपद्रवियों को गोली लगने से घायल हो गए। इनमें से एक की मौत हो गई।
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