समरनीति न्यूज, बांदाः श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आए हजारों की संख्या में मजदूरों को क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचाने के लिए तकरीबन 125 रोडवेज बसों को लगाया गया। रोडवेज ने कर्मचारियों को बुला लिया था लेकिन अव्यवस्था का आलम यह था कि रोडवेज के चालकों और परिचालकों व दूसरे कर्मचारियों को समय पर लंच पैकेट तक नहीं मिले। नौबत नारेबाजी तक जा पहुंची। इसके बाद मीडिया कर्मियों ने फोटो खींचना शुरू किया तो रोडवेज अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। इसके बाद खाने की व्यवस्था कराई। इसके बाद आक्रोशित रोडवेज कर्मी भी शांत हो गए। सभी लंच पैकेट लेकर गंतव्य को रवाना हुए।
बांदा के अलावा अन्य जिलों के लोग पहुंचे
शुक्रवार को तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेनें बांदा आईं। इनमें सवार तकरीबन पांच हजार यात्रियों की बाकायदा चेकिंग की गई। स्क्रीनिंग के दौरान कोई भी यात्री संदिग्ध न मिलने के कारण उनको क्वारंटीन सेंटर भेजने का निर्णय लिया गया। क्वारंटीन सेंटर पैलानी, अतर्रा, पचनेही, नरैनी और शहर के भागवत प्रसाद मेमोरियल स्कूल और विद्यावती निगम स्कूल में बनाए गए है। यात्रियों को वहां पहुंचाने के लिए 125 रोडवेज बसों को लगाया गया है।
ये भी पढ़ेंः लाॅकडाउनः बांदा पहुंचे 3 ट्रेनों से लगभग 5 हजार प्रवासी मजदूर
इनके चालक व संबंधित कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। ऐसे में इनके लिए खाने की व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। बाद में हंगामा हुआ तो आनन-फानन में लंच पैकेट उपलब्ध कराए गए। उधर, रोडवेज एआरएम परमानंद ने बताया कि 125 बसें प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचाने के लिए लगाई गई थीं। तीन ट्रेनों में जानकारी से अधिक कामगार पहुंच जाने के कारण कुछ अव्यवस्था हो गई। उन्होंने बताया कि 100 लंच पैकेट बनवाए गए थे, जो रोडवेज कर्मियों को दे दिए गए। कामगारों की संख्या बढ़ने के कारण और ज्यादा रोडवेज बसों को रवाना करने की जरूरत पड़ी। इस पर और कर्मचारियों को लगाया गया। इस वजह से लंच पैकेट कम पड़ गए।
ये भी पढ़ेंः लाॅकडाउनः फतेहपुर में हादसा, मां-बेटी की मौत, आटो से महाराष्ट्र से जौनपुर जा रहा था परिवार