समरनीति न्यूज, डेस्कः अयोध्या मामले में बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 2.7 एकड़ की विवादित जमीन हिंदुओं को दी जाएगी। वहां राम मंदिर ही बनेगा। आदेश दिए हैं कि तीन माह के भीतर मंदिर निर्माण के लिए सरकार एक ट्रस्ट बनाए। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र व राज्य सरकार को यह भी आदेश दिया है कि मुस्लिम पक्ष को भी अयोध्या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन मस्जिद के लिए दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र या राज्य सरकार तीन माह के भीतर एक ट्रस्ट बनाए। उधर, अयोध्या फैसला आने के बाद सभी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग फैसले से असंतोष जरूर जता रहे हैं लेकिन सर्वसम्मति से आए इस फैसले को स्वीकार भी कर रहे हैं।
पांच जजों की पीठ का सर्वसम्मति से ऐतिहासिक फैसला
साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का फैसला किया है। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने यह फैसला सर्वसम्मति से एक राय होकर सुनाया है। यह खुद में बड़ी बात है। 40 दिन लगातार मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी सभी बारीकियों को समझा और सुना। इसके बाद यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अपने फैसल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विवादित जमीन हिंदुओं को दी जाए। वहां रामलला विराजमान हैं और उस जमीन पर रामलला का मालिकाना हक बरकरार रहेगा।
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