समरनीति न्यूज, बांदा/हमीरपुर/महोबा/उरईः बुंदेलखंड में बाढ़ का असर साफतौर पर देखने को मिल रहा है। यमुना-बेतबा और केन नदियों में पानी का उफान देखा जा सकता है। कहीं हाइवे पर नदियों का पानी बह रहा है तो कहीं गांवों-मुहल्लों में बाढ़ का पानी चल रहा है। ऐसे में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। हालांकि, प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और जरूरी बचाव कार्य कर रहा है।
यमुना में उफान का जबरदस्त असर
जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ा हुआ है। कई दर्जन निचले क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। बुधवार को स्थिति तब और बिगड़ गई जब कुठौंद से औरैया जाने वाले निर्माणाधीन हाइवे पर नैनापुर गांव के पास सड़क पर नदी का पानी चला। बुंदेलखंड के कई जिलों में इस वक्त बाढ़ के हालात हैं।
छोटे वाहनों का आवागमन बाधित
हमीरपुर में राठ रोड पर भी बाढ़ का पानी देखा गया। वहीं महोबा में भी नदियों का जलस्तर बढ़ने से दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। महोबा में बीती रात प्रशासन ने रेस्कूय आपरेशन करके तीन लोगों को पानी में फंसने के बाद बचाया भी है। इस कारण छोटे वाहनों का आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। बड़े वाहन आसानी से निकल गए। उधर, प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है।
प्रशासन का कहना है कि बाढ़ से बचाव के सभी जरूरी उपाए किए जा रहे हैं। वहीं हमीरपुर और महोबा के साथ-साथ बांदा में भी नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इससे पहले ललितपुर में भी ट्रेन की पटरियों पर पानी भर गया था। इससे रेल यातायात प्रभावित हो गया था। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में हुई भीषण बारिश के कारण बुंदेलखंड में नदियां उफान पर हैं। इसके अलावा एमपी के बांधों से भी बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया है।
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