समरनीति न्यूज, ब्यूरो : अमरोहा नरसंहार में मौत की सजा पा चुकी शबनम को फिलहाल कुछ दिन की राहत मिल गई है। दरअसल, शबनम के वकील ने राज्यपाल के पास दया याचिका दायर की है। अब इस याचिका के निस्तारण तक शबनम का डेथ वारंट जारी नहीं हो सकेगा। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। मामला अमरोहा के बावनखेड़ी में हुए एक परिवार के नरसंहार का है जो वर्ष 2008 में 15 अप्रैल को हुआ था।
यह थी पूरी वारदात
अमरोहा के हसनपुर थाना क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में शबनम नाम की इस महिला ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 15 अप्रैल, वर्ष 2008 को अपने माता-पिता, दो भाइयों, भाभी और फुफेरी बहन के साथ एक मासूम भतीजे को मार डाला था। 15 जुलाई 2010 को अमरोहा सेशन कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों की सजा को बरकरार रखा था।
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इसके बाद राष्ट्रपति ने भी दोनों की दया याचिका को रद्द कर दिया था। हत्यारों ने फिर खुद को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की याचिका को खारिज कर दिया। दूसरे आरोपी सलीम का याचिका पर सुनवाई बाकी है।
आज मंगलवार को जिला शासकीय अधिवक्ता महावीर सिंह ने इस मामले में राज्यपाल को भेजी दया याचिका की रिपोर्ट अदालत में पेश की। इस आधार पर शबनम का डेथ वारंट जारी नहीं हुआ।
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