समरनीति न्यूज, ब्यूरो (बांदा) : बांदा में यमुना में डूबे 17 लोगों का आज 36 घंटे बाद भी कुछ पता नहीं है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के 30 सदस्यों वाली टीमों ने आज घंटों यमुना में डूबे लोगों की तलाश की। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। यह हादसा इतना बड़ा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक प्रकट करते हुए संवेदनाएं व्यक्त की हैं। दोनों बड़े नेताओं ने शोक प्रकट किया है। यह कोई छोटी घटना नहीं, बल्कि बड़ी त्रासदी है कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में समा गए। शासन पूरे मामले को बारीकि से देख रहा है। इसमें कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
नदियों का जलस्तर बढ़ा, फिर भी नाव संचालन बंद नहीं
दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से निपटने और सुरक्षा के उपायों को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन बांदा और फतेहपुर दोनों ही जिलों में शायद इन निर्देशों की अनदेखी की गई। ऐसा लगता है कि सबकुछ कागजों में सिमटकर रह गया।
अधिकारियों को समय रहते समझ लेना चाहिए था कि नदियां उफान पर हैं और हालात खतरनाक हैं। खतरे से बचाव के क्रम में ही नाव संचालन भी एक है। नावों का नदियों में संचालन समय रहते बंद हो जाना चाहिए था। हालांकि, हादसे के बाद यह कदम उठाया गया है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री योगी इसे लेकर नाराज हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
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