समरनीति न्यूज, बांदा : जिला प्रशासन लगातार बालू खनन के वाहनों की ओवरलोडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। इसके बावजूद जिले ओवरलोडिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। शहर के आसपास की खदानों से लेकर सीमावर्ती खदानों पर हाल बेहाल है। दरअसल, खदानों से ही ट्रक ओवरलोड निकाले जा रहे हैं। वहीं आरटीओ और खनिज विभाग की मिलीभगत से ओवरलोडिंग का सिलसिला जारी है। हाल ही में जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह की सख्ती के बाद कुछ हद तक, कुछ दिनों के लिए इसपर लगाम लगी थी। बाद में फिर वही हालात हो गए। आरटीओ और खनिज विभाग की मिलीभगत के चलते ओवरलोडिंग की निरंकुशता इस कदर बढ़ चुकी है कि शहर के आसपास से ओवरलोड ट्रक देर रात बेरोक-टोक निकाले जा रहे हैं।
RTO और खनिज की मिलीभगत सिस्टम पर भारी
दरअसल, सूत्र बताते हैं कि खनिज विभाग और आरटीओ विभाग की मिलीभगत के चलते ओवरलोडिंग बंद नहीं हो पा रही है। इसकी बड़ी वजह इन दोनों विभागों में बालू माफियाओं की अंदर तक पैठ है। यही वजह है कि जब ओवरलोडिंग अखबारों की सुर्खियां बनती है तो कार्रवाई के नाम पर कुछ ट्रकों को पकड़कर सीज कर दिया जाता है। दरअसल, खनिज विभाग जहां खदानों पर छूट देने का काम कर रहा है तो आरटीओ विभाग के अधिकारी सड़कों पर आंखें मूंद लेते हैं।
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कार्रवाई का ढिंढौरा पीटा जाता है। कार्रवाई वहीं की जाती है, जहां विभागों का कोई लेना-देना नहीं होता। हालांकि, बालू कारोबारी और खनन माफिया भी विभाग की गीदड़भभकी से वाकिफ हैं। यही वजह है कि ओवरलोडिंग का सिलसिला जारी रहता है। वहीं खनिज अधिकारी और आरटीओ विभाग के अधिकारियों से इस बारे में बात करने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया। हालांकि, अधिकारियों बात नहीं हो सकी।
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ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की कार्रवाई से मचा था हड़कंप
उधर, इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार का कहना है कि आगे भी ओवरलोडिंग और अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी कर रहा है कि ओवरलोडिंग न होने दी जाए। बताते चलें कि कुुछ दिन पहले शहर के पास स्थित बालू खदानों पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (IAS) सुधीर ने बड़ी और साहसिक कार्रवाई की थी। दरअसल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट खुद फोर्स के साथ कनवारा बालू खदान के भीतर तक जा पहुंचे थे। वहां उन्होंने 2 या 4 नहीं बल्कि, 135 के करीब ओवरलोड बालू ट्रक को सीज किया था। उनकी इस कार्रवाई ने बालू कारोबारियों को हिलाकर रख दिया था। खदान के भीतर प्रशासनिक अधिकारी की यह कार्रवाई काफी चर्चित रही।
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