समरनीति न्यूज, ब्यूरो, (बांदा) : स्थानीय लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड में भ्रष्टाचार का खेल किसी से छिपा नहीं है। बस्ती जिले की खनिज रायल्टी के बांदा पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड में भुगतान सत्यापन की शिकायत के बाद करोड़ों के हेरफेर का खुलासा हुआ। दरअसल, यह मामला चित्रकूटधाम मंडल के आयुक्त के पास कबरई के एक ट्रैडर्स के जरिए शिकायत के रूप में पहुंचा था। इसके बाद जांच के लिए आयुक्त ने जिलाधिकारी (बांदा) को पत्र लिखकर एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। कमेटी गठित हुई मगर बेहद धीमी रफ्तार से। उच्चाधिकारियों की सख्त रुख के चलते नीचे वाले बाबुओं का खेल नहीं चला। जांच तो शुरू हो गई, लेकिन रफ्तार बेहद सुस्त है।
चर्चा-जांच दबवाने में जुटे कई प्रभावशाली
सूत्रों की माने तो जांच के लिए गठित कमेटी में जिला खनिज अधिकारी समेत तीन अधिकारियों को शामिल किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि लाखों-करोड़ों के भ्रष्टाचार वाले इस मामले की जांच को कमेटी गठन के बाद भी दबाने का प्रयास जारी है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि कमेटी गठन के बाद भी मामले को रफा-दफा करने बड़े-बड़े लोग जुट गए हैं। खास बात तो यह है कि इस मामले का हल्ला लखनऊ तक हो चुका है। इसके बावजूद कमेटी की चाल सुस्त है।
एक मामला खुला तो खुलेंगे और भी कई
हालांकि, अब यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारियों तक इसकी जानकारी है। दरअसल, मामला सिर्फ गैर जिले की एक खनिज रायल्टी का बांदा में सत्यापन का नहीं है, बल्कि इससे इस बात का खुलासा होता है कि ऐसे बहुत से मामले यहां दबे हुए हैं। अब अगर एक मामला खुलेगा तो बाकी खुलासे भी होंगे। यही वजह है कि इसी रोकने के लिए भरपूर कोशिशें जारी हैं। वहीं दूसरी ओर समिति में शामिल अधिकारी फिलहाल मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
यह था पूरा मामला
5 अगस्त 2022 को शिकायतकर्ता कबरई के रहने वाले ट्रेडर्स के मालिक ने आयुक्त से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि उसकी बस्ती जिले को भेजी गई खनिज रायल्टी का बांदा के प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में किसी ठेकेदार की मिलीभगत से इंजीनियर ने उपयोग कर लिया है। मुख्य खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें : बांदा पीडब्लूडी में भ्रष्टाचार का खुलासा, फर्जी कार्यों में दूसरे जिलों की खनिज रायल्टी से घोटाला