समरनीति न्यूज, नई दिल्ली : नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज मामले में तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, रोड रेज का यह मामला वर्ष 1988 का है। अदालत से सिद्धू को इस मामले में पहले राहत मिल गई थी। लेकिन रोड रेड में मारे गए बुजुर्ग व्यक्ति के परिवार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मामले में पहले सिद्धू बचते रहे।
रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
लेकिन अब अदालत ने उनको जेल भेजा है। बताते चलें कि आईपीसी की धारा 232 के तहत पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पर 34 साल पहले यह मामला दर्ज हुआ था। इसमें अधिकतम एक साल की सजा का ही प्रावधान है। इसके साथ ही अब पंजाब पुलिस सिद्धू को हिरासत में लेकर जेल भेजेगी।
सिद्धू की पिटाई से हुई थी 65 साल के बुजुर्ग की मौत
दरअसल, 27 सितंबर 1988 की शाम सिद्धू ने पटियाला के शेरावाले गेट मार्केट में पार्किंग को लेकर एक 65 साल के बुजुर्ग से विवाद किया। सिद्धू ने बुजुर्ग को घुटना मारकर नीचे गिराया। उस समय क्रिकेटर रहे सिद्धू अपनी मद में इस कदर चूर थे कि उन्होंने यह भी नहीं देखा कि जिससे विवाद कर रहे हैं वह एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं।
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सिद्धू के प्रहार से बुजुर्ग बुरी तरह चुटहिल होकर नीचे गिर पड़े। बाद में उनको अस्पताल ले जाया गया। वहां उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि, उनकी मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया था। सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर के खिलाफ उसी दिन गैर इरादतन हत्या का मुकदमा हुआ। 1999 में कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया। 2022 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की। तबतक सिद्धू राजनीति में कदम रख चुके थे। 2004 में सिद्धू ने लोकसभा चुनाव जीता।
सजा के बाद सिद्धू को हिरासत में लेगी पंजाब पुलिस
उधर, पंजाब हाई कोर्ट ने सिद्धू को मामले में 3 साल की सजा सुनाई। सिद्धू के दोस्त को भी 3 साल की सजा सुनाई गई। साथ ही 1 लाख का जुर्माना भी ठोका गया।
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इसके बाद सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। हाई कोर्ट के फैसले तो चुनौती देते हुए सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। वहां दिवंगत अरुण जेटली ने उनकी ओर से मुकदमा लड़ा था। मामले में सुनवाई चलती रही।
मृतक के परिजनों ने दायर की थी रिव्यू पिटिशन
सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी नहीं पाया और जुर्माना लगाकर सिद्धू को छोड़ दिया। फिर भी मृतक के परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। मृतक के परिजनों ने रिव्यू पिटिशन दाखिल की। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा सुनवाई करते हुए अपना ही फैसला पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद आज मामले में सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उधर, पीड़ित परिवार ने इसपर राहत महसूस की है।
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