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जालौन डबल-मर्डरः गांव से नफरत, अंधी मासूम बहन और बूढ़ी मां की हत्या का प्रतिशोध था संघी हत्याकांड

जालौन में हुए डबल मर्डर के आरोपियों के साथ एसपी अमरेंद्र सिंह व एएसपी सुरेंद्र नाथ तिवारी।

समरनीति न्यूज, जालौनः दो दिन पहले जालौन के संघी गांव में हुए डबल मर्डर और तीन लोगों के गोलीबारी में घायल होने की दुर्दांत वारदात का कारण लूट या डकैती जैसा कुछ नहीं था बल्कि 20 साल पहले इसी संघी गांव में पहले एक व्यक्ति के पिता की लाठियों से पीट-पीटकर की गई हत्या और फिर उसी की बूढ़ी मां व मासूम अंधी बहन की हत्या की वारदात का प्रतिशोध था। गांव के लोगों पर गोलियां इसलिए चलाई गईं क्योंकि बदले की आग में जल रहा मुख्य आरोपी खुद के पक्ष में ग्रामीणों के न बोलने से मन में पूरे के पूरे संघी गांव से नफरत पाल बैठा था। इस मामले में जालौन पुलिस ने बेहद तेजी से घटना का खुलासा करते हुए न सिर्फ मुख्य आरोपी समेत चार हत्याभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है बल्कि एक और हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए उसका भी खुलासा कर दिया है। पुलिस टीम ने इस पूरे मामले में जिस समझदारी और परिपक्वता के साथ गुड वर्क किया है वह वाकई काबिले तारीफ है। पुलिस का ऐसा काम कम ही सुनने को मिलता है।

दो पक्षों के बीच 25 साल से चली आ रही दुश्मनी में सीरियल मर्डर की कड़ी थी संघी की वारदात 

बताते चलें कि 31/1 अगस्त की रात जालौन के आटा थाना क्षेत्र के गांव संघी में अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर दो लोगों की हत्या कर दी थी जबकि तीन लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को इलाज के लिए मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। इस पूरी वारदात ने जालौन ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके को भी हिलाकर रख दिया था।

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लोगों की समझ में यह बात नहीं आ रही थी कि आखिरकार इतने लोगों को गोलियां क्यों और किस लिए मारी गईं। अगर इरादा लूट का था तो लूटा तो हुई नहीं। दुश्मनी भी थी तो अलग-अलग जाति वर्ग के अलग-अलग परिवार के लोगों को निशाना क्यों बनाया गया।

जालौन के संघी गांव में हुए हत्याकांड के आरोपियों के कब्जे से बरामद हथियार।

इन्हीं सब सवालों के साथ घटना के खुलासे के लिए पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र नाथ तिवारी को वारदाता के खुलासे की जिम्मेदारी सौंपी थी। एएसपी सुरेंद्र नाथ तिवारी के नेतृत्व में छह पुलिस टीमों के साथ एसओजी व सर्विलांस टीम को लगाया था। पुलिस टीमों ने स्थानीय मुखबिरों व सर्विलांस की मदद से मुस्तैदी से काम करते हुए आखिरकार शुक्रवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये चारों कस्बा कदौरा निवासी अल्ला रख्खू, चांद बाबू उर्फ चांद मोहम्मद, आशिफ तथा सोहेल हैं। बताया जाता है कि इनमें मुख्य आरोपी अल्ला रख्खू है।

बड़ों के साथ-साथ मासूमों का खून बहाने में भी दोनों पक्षों ने नहीं छोड़ी कसर 

पुलिस को पूछताछ में उसने बताया है कि उसके पिता बाबू खां व मंसूर खां साढ़ू थे और मंसूर वम्हौरी गांव में रहता था। उसने एक महिला की हत्या कर लूट की और बाद में उसके पिता बाबू खां के पास आकर गांव में शरण लेकर रहने लगा। धीरे-धीरे मंसूर ने उसके पिता की जमीन और घर पर कब्जा करके उसकी भी हत्या कर दी। मंसूर व उसके साथी जेल चले गए। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने (अल्ला रख्खू) ने मंसूर के लड़के व उसके 12 साल के बेटे की बदला लेने के लिए हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड में उसे जेल हुई। उसका कहना है कि उसके जेल जाने के बाद दूसरे पक्ष ने गांव में बची उसकी 12 साल की अंधी बहन और बूढ़ी मां की हत्या कर दी। जिसके बाद वह जेल भागकर हत्यारों की मारने की कोशिश करने लगा। लेकिन कामयाब नहीं हुआ।

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दोनों पक्षों के बीच सीरियल मर्डर का यह सिलसिला चलता रहा। कुछ दिन पहले अल्ला रख्खू के लड़के को दूसरे पक्ष के लोगों ने धमकी दी थी। इसके बाद से ही अल्ला रख्खू अपने दुश्मन मकसूद से बदला लेने की नियत से वारदात की फिराक में था जिसे उसने दो दिन पहले अंजाम भी दिया। लेकिन पुलिस ने आखिरकार चारों को धर दबोचा। चारों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त असलहे और कारतूस भी बरामद किए गए हैं। इन सभी के उपर गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस चारों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करके उनको जेल भेज रही है।

इस टीम ने खुलासे में निभाई अहम भूमिका

इस वारादात के खुलासे में जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र नाथ तिवारी के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस काम कर रही थी। इसमें आटा एसओ आनंद सिंह, इंस्पेक्टर स्वाट टीम, ब्रजनेश यादव, एसआई मतीन खां, सिपाही सोहेब आलम, गौरव बाजपेई, धीरेंद्र कुमार, जगदीश चंद्र, पवन कुमार, चालक प्रदीप कुमार, मनोज कुमार, शैलेंद्र चौहान, शैलेंद्र चौबे, रवि भदौरिया, नीतू कुमार, करमवीर, रजनेश, प्रशांत व विनोद कुमार की अहम भूमिका रही।

एडीजी ने 50 हजार इनाम देने की घोषणा की 

एडीजी कानपुर ने इस खुलासे के लिए पुलिस टीम को 50 हजार रूपए नगद इनाम देने की घोषणा की है। अधिकारियों ने माना है कि जालौन पुलिस के अधिकारियों व थानों की टीम ने वारदात के खुलासे में तत्परता दिखाई है।